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Fixed vs floating: होम लोन लेते वक्त कौन-सी ब्याज दर चुनें, किसमें मिलेगा ज्यादा फायदा; समझिए हिसाब

Fixed vs floating: घर खरीदते वक्त सबसे बड़ा सवाल होता है- फिक्स्ड चुनें या फ्लोटिंग रेट लोन? जानिए दोनों ब्याज दरों के फायदे-नुकसान, कौन-सा आपके बजट के लिए बेहतर है और किन हालात में कौन-सा विकल्प समझदारी भरा रहेगा।

Edited By: Suneel Kumarअपडेटेड Nov 03, 2025 पर 4:02 PM
Fixed vs floating: होम लोन लेते वक्त कौन-सी ब्याज दर चुनें, किसमें मिलेगा ज्यादा फायदा; समझिए हिसाब
अगर आपको लगता है कि आने वाले समय में ब्याज दरें स्थिर रहेंगी या घटेंगी, तो फ्लोटिंग रेट ज्यादा फायदेमंद होगा।

Fixed vs floating: घर खरीदने का सपना तो लगभग हर किसी का होता है। लेकिन जब बात होम लोन की आती है, तो सबसे पेचीदा सवाल यही उठता है- क्या ब्याज दर फिक्स्ड रखी जाए या फ्लोटिंग? यानी, क्या आप EMI की स्थिरता चाहते हैं या ब्याज में बचत का मौका?

यह फैसला छोटा नहीं है, क्योंकि यही तय करेगा कि आने वाले 20–30 सालों में आपकी जेब पर कितना बोझ पड़ेगा और कितना बच सकता है।

क्या होता है फिक्स्ड और फ्लोटिंग रेट लोन?

फिक्स्ड रेट होम लोन में ब्याज दर एक तय अवधि तक एक जैसी रहती है। इस दौरान आपकी EMI नहीं बदलती, जिससे आपको हर महीने का खर्च पहले से पता रहता है।

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