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Gold Price: गोल्ड मार्केट में बनी रहेगी मजबूती, निवेश करें या मुनाफावसूली? क्या हो स्ट्रैटेजी

सोना ग्लोबल डेट को देखते हुए एक बड़ा बचाव है। आज निवेशकों के पास सोने में निवेश के कई विकल्प हैं - SGB, डिजिटल गोल्ड, म्यूचुअल फंड FoF और ETF। सोना पोर्टफोलियो डायवर्सिफायर के तौर पर अभी भी अच्छा विकल्प बना हुआ है

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Oct 12, 2025 पर 4:17 PM
Gold Price: गोल्ड मार्केट में बनी रहेगी मजबूती, निवेश करें या मुनाफावसूली? क्या हो स्ट्रैटेजी
पिछले कई सालों से, केंद्रीय बैंक डॉलर से हटकर सोने में निवेश कर रहे हैं।

सोना इस वक्त सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले एसेट्स में से एक है। भाव ने पिछले एक साल में 50 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़त देखी है। यह 4000 डॉलर के आंकड़े को पार कर गया। लेकिन अब क्या किया जाए? क्या सोने में यह निवेश करने का वक्त है या फिर पैसा निकालकर मुनाफा कमाने का? हर निवेशक के मन में यह सवाल उठ रहा है। सोने की तेजी, आउटलुक को लेकर सवालों के जवाब दिए निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड के हेड ऑफ कमोडिटीज और फंड मैनेजर विक्रम धवन ने। यह फंड हाउस 30,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के एयूएम के साथ भारत का सबसे बड़ा गोल्ड ईटीएफ चलाता है...

पिछले एक साल में सोने ने 50 प्रतिशत से ज्यादा रिटर्न दिया है। क्या आपको लगता है कि निवेशकों के लिए सतर्क होने का समय आ गया है, या अभी भी तेजी की गुंजाइश है?

हम निवेशकों और केंद्रीय बैंकों, दोनों के ही रुख में वैश्विक बदलाव देख रहे हैं। पिछले कई सालों से, केंद्रीय बैंक डॉलर से हटकर सोने में निवेश कर रहे हैं। यह रुझान अब प्राइवेट इनवेस्टर्स में भी दिखाई दे रहा है।उदाहरण के लिए, भारतीय म्यूचुअल फंड इकोसिस्टम में कुल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट यानि कि एयूएम में सोने और चांदी का 2 प्रतिशत से भी कम हिस्सा है। वैश्विक स्तर पर भी पिछले साल के मध्य तक कई संस्थागत निवेशकों का सोने में निवेश न के बराबर था।

सोने में वापसी का यह दौर अभी भी जारी है। और जब तक यह पूरा नहीं हो जाता, हमें गोल्ड मार्केट्स में मजबूती देखने को मिल सकती है। बेशक, कोई भी चीज सीधी रेखा में ऊपर नहीं जाती। कंसोलिडेशन और करेक्शन के फेज आएंगे लेकिन अंडरलाइंग ट्रेंड निकट भविष्य में पॉजिटिव बना रहेगा।

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