गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को आसान बनाने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं। टैक्स रेट्स की संख्या घटाई जा सकती है। जीएसटी का बेस बढ़ाया जा सकता है। डिजिटल टूल्स का ज्यादा इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे जीएसटी सिस्टम की कमियां दूर होंगी। इकोनॉमिस्ट और 14वें वित्त आयोग के पूर्व सदस्य एम गोविंदा राव ने ये बातें कही हैं। उन्होंने टैक्स और जीडीपी रेशियो को बढ़ाने के लिए फिस्कल रिफॉर्म्स की जरूरत पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि इंडिया में अभी टैक्स और जीडीपी का रेशियो 16.5 फीसदी है, जो विकसित देशों में 19-20 फीसदी के रेशियो के मुकाबले काफी कम है।