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Home Loan: होम लोन पर बैंक कैसे करता है इंटरेस्ट और EMI कैलकुलेट? कौनसा तरीका आपके लिए है बेस्ट

Home Loan: घर खरीदना हर किसी की लाइफ का बड़ा कदम होता है। भारत में घर खरीदने के लिए ज्यादातर लोग होम लोन का सहारा लेते हैं। यहां आपको बता रहे हैं कि होम लोन पर ब्याज कैसे तय होता है और कैसे कैलकुलेट किया जाता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 13, 2024 पर 12:54 PM
Home Loan: होम लोन पर बैंक कैसे करता है इंटरेस्ट और EMI कैलकुलेट? कौनसा तरीका आपके लिए है बेस्ट
Home Loan: यहां आपको बता रहे हैं कि होम लोन पर ब्याज कैसे तय होता है और कैसे कैलकुलेट किया जाता है।

Home Loan: घर खरीदना हर किसी की लाइफ का बड़ा कदम होता है। भारत में घर खरीदने के लिए ज्यादातर लोग होम लोन का सहारा लेते हैं। यहां आपको बता रहे हैं कि होम लोन पर ब्याज कैसे तय होता है और कैसे कैलकुलेट किया जाता है। ताकि, आप आप अपनी EMI को मैनेज कर सकें। होम लोन लेते समय ब्याज की कैलुकलेशन के तरीकों को समझना, अपने बजट और फाइनेंशियल टारगेट के अनुसार सही ऑप्शन को चुनना बहुत जरूरी है। इससे न केवल आपका खर्च कम होगा बल्कि लोन चुकाने में आसानी होगी। बैंक और फाइनेंशियल इंस्टिट्यूट आमतौर पर ब्याज की कैलकुलेशन तीन तरीकों से करते हैं। पहला तरीका सालाना घटता हुआ तरीका, दूसरा मंधली घटता हुआ तरीका और तीसरा रोजाना घटता हुआ तरीका। यहां जानते हैं कैसे होता है कैलकुलेशन।

1. सालाना घटता हुआ तरीका (Annual Reducing Method):

होम लोन केब्याज की कैलुकलेशन हर साल के अंत में बैलेंस प्रिंसिपल पर की जाती है। साल के दौरान दी गई किश्तों का असर ब्याज पर नहीं पड़ता।

उदाहरण के लिए अगर आपने ₹30 लाख का लोन 8% सालाना ब्याज दर पर लिया है, तो ब्याज की कैलुकलेशन पूरे साल ₹30 लाख पर होगा। हालांकि, साल के अंत में की गई पेमेंट अमाउंट को प्रिंसिपल से घटाया जाएगा। यह तरीका अन्य की तुलना में ज्यादा ब्याज होम लोन लेने वालों के लिए खड़ा कर देता है।

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