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क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शन को TCS के दायरे में लाने से आपके विदेश यात्रा का खर्च कितना बढ़ जाएगा? उदाहरण से समझिए

सरकार ने दरअसल FEMA यानी फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट में बदलाव किया है। इस बदलाव के बाद लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के दायरे में विदेश में क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शन को भी शामिल किया गया है

Curated By: Rakesh Ranjanअपडेटेड May 19, 2023 पर 4:57 PM
क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शन को TCS के दायरे में लाने से आपके विदेश यात्रा का खर्च कितना बढ़ जाएगा? उदाहरण से समझिए
गर्मियों की छुट्टियों में अगर आप विदेश जाने का प्लान बना रहे हैं तो आपका ट्रैवल बजट बढ़ जाएगा। आप टीसीएस पेमेंट अमाउंट को क्लेम तो कर सकते हैं, लेकिन उससे पहले यह खर्च आपको अपनी जेब से करना होगा।

इस बार गर्मियों की छुट्टियों में कई लोग विदेश छुट्टियां मनाने के लिए जा रहे होंगे। TCS यानी Tax Collected at Source के नियम में बदलाव से विदेश की आपकी यात्रा महंगी होने जा रही है। सरकार ने दरअसल FEMA यानी फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट में बदलाव किया है। इस बदलाव के बाद लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के दायरे में विदेश में क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शन को भी शामिल किया गया है। LRS क्या है, इसके दायरे में क्रेडिट कार्ड एक्सपेंडिचर को शामिल करने से क्या होगा, विदेश की यात्रा पर होने वाला आपका खर्च कितना बढ़ जाएगा? आइए इन सवालों का जवाब जानने की कोशिश करते हैं।

LRS क्या है?

LRS के तहत RBI ने एक भारतीय के विदेश में किसी एक फाइनेंशियल ईयर में खर्च करने की सीमा तय की है। अभी जो सीमा है, उसके मुताबिक किसी एक फाइनेंशियल ईयर में कोई भारतीय 2.5 लाख डॉलर खर्च कर सकता है। अब इस स्कीम के दायरे में क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शन को भी शामिल कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अगर विदेश यात्रा के दौरान आप खरीदारी के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो उस पर आपको 20 फीसदी टीसीएस देना होगा।

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