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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट किस तरह आपकी कमाई और खर्च का रखता है हिसाब?

कई लोग इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइलिंग के वक्त इनकम के अपने हर स्रोत की जानकारी नहीं देते हैं। लेकिन, पिछले कुछ सालों में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अपना सर्विलांस सिस्टम को बहुत मजबूत बना दिया है। अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजर से कुछ भी छुपाना मुमकिन नहीं है

Curated By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Feb 21, 2023 पर 4:58 PM
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट किस तरह आपकी कमाई और खर्च का रखता है हिसाब?
IT Department प्रोजेक्ट इनसाइट के जरिए टैक्स चोरी करने वाले लोगों पर खास नजर रखता है।

इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करते वक्त आपको हर स्रोत से हुई इनकम के बारे में बताना बहुत जरूरी है। कई लोग कुछ जानकारियां छुपा लेते हैं। अब ऐसा करने वाले टैक्सपेयर्स का बचना नामुमकिन है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने अपना सिस्टम फुलप्रूफ बना दिया है। हाई-वैल्यू ट्रांजेक्शंस (High Value Transactions) के साथ पैन (PAN) बताना जरूरी है। आपका सेविंग्स अकाउंट जिस बैंक में है, आपका इंश्योरेंस प्लान जिस कंपनी का है, आपने जिस एएमसी कंपनी से म्यूचुअल फंड खरीदा है और जिस बैंक का क्रेडिट कार्ड लिया है, वे सभी आपके हर ट्रांजेक्शन की जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को देते हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इस डेटा को आपके ITR में दी गई जानकारियों के साथ मैच कराता है। IT Department प्रोजेक्ट इनसाइट के जरिए भी टैक्स चोरी करने वाले लोगों पर खास नजर रखता है।

क्या है इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का Project Insight?

प्रोजेक्ट इनसाइट के तहत इनकम टैक्स के अधिकारी टैक्स चोरी का संदेह होने पर टैक्सपेयर के सोशल मीडिया अकाउंट पर भी नजर रखते हैं। उदाहरण के लिए अगर कोई व्यक्ति 10 लाख रुपये से ज्यादा कीमत की कार खरीदता है तो उसे 1 फीसदी लग्जरी चार्ज चुकाना होता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट किसी तरह का संदेह होने पर ऐसे व्यक्ति के इनकम टैक्स रिटर्न की जांच कर सकता है। इसका मकसद यह पता लगाना होगा कि व्यक्ति की इनकम के सोर्स क्या हैं।

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