सरकार ने कम इनकम वाले लोगों को टैक्स से राहत देने के लिए सेक्शन 87ए के तहत खास रिबेट देने की शुरुआत की थी। यह रिबेट इनकम टैक्स की नई रीजीम और पुरानी रीजीम दोनों में मिलता है। हालांकि, रिबेट के अमाउंट में फर्क है। नई रीजीम में अगर किसी टैक्सपेयर की सालाना इनकम 7 लाख रुपये तक है तो सेक्शन 87ए के तहत मिलने वाले रिबेट से उसकी टैक्स लायबिलिटी जीरो हो जाती है। पुरानी रीजीम में अगर किसी व्यक्ति की सालाना इनकम 5 लाख रुपये तक है तो सेक्शन 87ए के तहत मिलने वाले रिबेट से उसका टैक्स जीरो हो जाता है। लेकिन, कुछ स्थितियों में टैक्सपेयर्स को यह रिबेट नहीं मिल रहा है। चार्टर्ड अकाउंटेंट आभास हलखंडी ने इस बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में बताया है।