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इनकम 7 लाख तक होने पर भी सेक्शन 87ए के तहत नहीं मिल रहा टैक्स रिबेट, जानिए क्या है मामला

बजट 2025 के जरिए सरकार ने सेक्शन 87ए के तहत मिलने वाले रिबेट के नियमों में संशोधन किया है। यह संशोधन वित्त वर्ष 2025-26 से लागू है। इसमें कहा गया है कि अगर किसी टैक्सपेयर्स की स्पेशल रेट वाली इनकम है तो उसकी इनकम तय लिमिट तक होने के बावजूद सेक्शन 87ए के तहत रिबेट नहीं मिलेगा। लेकिन यह देखा जा रहा है कि वित्त वर्ष 2024-25 की इनकम के मामले में भी स्पेशल रेट वाली इनकम होने पर यह रिबेट नहीं मिल रहा

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 12, 2025 पर 5:27 PM
इनकम 7 लाख तक होने पर भी सेक्शन 87ए के तहत नहीं मिल रहा टैक्स रिबेट, जानिए क्या है मामला
सरकार ने कम इनकम वाले लोगों को टैक्स से राहत देने के लिए सेक्शन 87ए के तहत खास रिबेट देने की शुरुआत की थी।

सरकार ने कम इनकम वाले लोगों को टैक्स से राहत देने के लिए सेक्शन 87ए के तहत खास रिबेट देने की शुरुआत की थी। यह रिबेट इनकम टैक्स की नई रीजीम और पुरानी रीजीम दोनों में मिलता है। हालांकि, रिबेट के अमाउंट में फर्क है। नई रीजीम में अगर किसी टैक्सपेयर की सालाना इनकम 7 लाख रुपये तक है तो सेक्शन 87ए के तहत मिलने वाले रिबेट से उसकी टैक्स लायबिलिटी जीरो हो जाती है। पुरानी रीजीम में अगर किसी व्यक्ति की सालाना इनकम 5 लाख रुपये तक है तो सेक्शन 87ए के तहत मिलने वाले रिबेट से उसका टैक्स जीरो हो जाता है। लेकिन, कुछ स्थितियों में टैक्सपेयर्स को यह रिबेट नहीं मिल रहा है। चार्टर्ड अकाउंटेंट आभास हलखंडी ने इस बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में बताया है।

हलखंडी और कुछ दूसरे चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ने बताया है कि नई रीजीम में अगर किसी टैक्सपेयर्स की शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस जैसी कोई स्पेशल रेट वाली इनकम है तो उसे सेक्शन 87ए के तहत रिबेट का फायदा नहीं मिल रहा है। ध्यान देने वाली बात है कि बजट 2025 के जरिए किए संशोधन के मुताबिक सेक्शन 87ए के तहत मिलने वाला रिबेट स्पेशल रेट वाली इनकम की स्थिति में लागू नहीं होता है। लेकिन, यह बदलाव फाइनेंशियल ईयर 2025-2026 से लागू है। इसका मतलब है कि इससे पहले के फाइनेंशियल ईयर में स्पेशल रेट वाली इनकम होने पर भी सेक्शन 87ए के तहत रिबेट मिलना चाहिए।

फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में अगर किसी व्यक्ति की टैक्सेबल इनकम 7 लाख रुपये तक है तो वह इनकम टैक्स की नई रीजीम में सेक्शन 87ए के तहत 25,000 रुपये तक का रिबेट ले सकता है। फाइनेंशियल ईयर 2055-26 से संशोधित नियम लागू है। इसके मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति की इनकम सालाना 12 लाख रुपये तक है तो वह इस सेक्शन के तहत 60,000 रुपये तक का रिबेट ले सकता है। लेकिन, अगर टैक्सपेयर को कोई स्पेशल रेट वाली इनकम है तो यह रिबेट नहीं मिलेगा।

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