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Income Tax old regime Vs New regime: आपके लिए नई और पुरानी रीजीम में से कौन सी है बेस्ट?

नई और पुरानी रीजीम के बीच सबसे बड़ा फर्क डिडक्शन के मामले मे है। इसके अलावा सेक्शन 87ए के तहत मिलने वाले रिबेट की लिमिट में भी फर्क है। नई रीजीम में ज्यादातर डिडक्शन नहीं मिलता है। सिर्फ सेक्शन 80CCD(2) के तहत एनपीएस में एंप्लॉयर के कंट्रिब्यूशन पर डिडक्शन मिलता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 02, 2025 पर 12:54 PM
Income Tax old regime Vs New regime: आपके लिए नई और पुरानी रीजीम में से कौन सी है बेस्ट?
नई टैक्स रीजीम में एचआरए, होम लोन इंटरेस्ट पर डिडक्शन, सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन और सेक्शन 80डी के तहत डिडक्शन क्लेम करने की इजाजत नहीं है।

इनकम टैक्स की नई रीजीम में हुए बदलाव 1 अप्रैल से लागू हो चुके हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी, 2025 में इस रीजीम में कई बदलाव का ऐलान किया था। उन्होंने सालाना 12 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स जीरो कर दिया था। साथ ही टैक्स स्लैब्स में भी बदलाव किया था। इससे नई रीजीम ज्यादातर टैक्सपेयर्स के लिए अट्रैक्टिव हो गई है। सवाल है कि आपके लिए नई और पुरानी रीजीम में कौन सी रीजीम बेस्ट है?

सैलरीड टैक्सपेयर्स की 12.75 लाख तक की इनकम पर टैक्स नहीं

दीवान पीएन चोपड़ा एंड कंपनी के मैनेजिंग पार्टनर ध्रुव चोपड़ा ने कहा कि नए वित्त वर्ष यानी 2025-26 में इनकम टैक्स की नई रीजीम के इस्तेमाल से सैलरीड टैक्सपेयर्स का काफी टैक्स बच सकता है। खासकर, इससे उन टैक्सपेयर्स को ज्यादा फायदा हो सकते हैं, जो ओल्ड रीजीम में डिडक्शन का ज्यादा फायदा नहीं उठाते हैं। उदाहरण के लिए नई रीजीम में 12 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। अगर आप नौकरी करते हैं तो 12.75 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स नहीं देना होगा।

नई और पुरानी टैक्स रीजीम में सबसे बड़ा फर्क डिडक्शन के मामले में

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