इनकम टैक्स की नई रीजीम लागू होने के बाद से टैक्सपेयर्स पुरानी रीजीम और नई रीजीम के इस्तेमाल को लेकर उलझन में रहते हैं। हालांकि, एक्सपर्ट्स हमेशा सलाह देते हैं कि टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले पुरानी रीजीम और नई रीजीम दोनों में अपनी टैक्स लायबिलिटी की जांच कर लेना चाहिए। फिर जिसमें टैक्स कम बनता हो, उसका इस्तेमाल करना चाहिए। इससे बाद में दिक्कत नहीं आती है। महेश शर्मा ने इस साल दोनों रीजीम में अपनी टैक्स लायबिलिटी चेक किए बगैर नई रीजीम में टैक्स पेमेंट के साथ रिटर्न फाइल कर दिया। अब उनका कहना है कि पुरानी रीजीम में उनका टैक्स जीरो दिखा रहा है। उनका सवाल है कि क्या वह रिटर्न रिवाइज और रीजीम बदल सकते हैं? मनीकंट्रोल ने यह सवाल टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन से पूछा।