सरकार के सालाना 12 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स-फ्री कर देने से इनकम टैक्स की नई रीजीम अट्रैक्टिव हो गई है। नई रीजीम टैक्सपेयर्स के लिए आसान है। इसमें इनवेस्टमेंट का प्रूफ नहीं देना पड़ता है। इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग में भी गलती होने की आशंका कम रहती है। लेकिन, टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसे सैलरीड टैक्सपेयर्स जिनकी इनकम 12 लाख रुपये तक है, उन्हें ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ सकता है। इसकी वजह यह है कि नई रीजीम में डिडक्शंस का फायदा नहीं मिलता है।