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जरूरी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सैलरी का कितना हिस्सा बचाना जरूरी है?

आपकी सैलरी में कितनी रकम बचत के मद में जानी चाहिए, इसको लेकर कई तरह के नियम हैं। हालांकि, आज के दौर में बढ़ते खर्च और लाइफस्टाइल से जुड़े लक्ष्यों को देखते हुए नियमों को लागू करना मुश्किल काम है। ऐसे में सवाल यह है कि आप अपने निजी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए किस तरह से बचत की रणनीति तैयार करते हैं?

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 29, 2024 पर 5:17 PM
जरूरी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सैलरी का कितना हिस्सा बचाना जरूरी है?
लग्जरी की चाहत रखने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन खरीदारी से पहले बचत करना जरूरी है।

आपकी सैलरी में कितनी रकम बचत के मद में जानी चाहिए, इसको लेकर कई तरह के नियम हैं। हालांकि, आज के दौर में बढ़ते खर्च और लाइफस्टाइल से जुड़े लक्ष्यों को देखते हुए नियमों को लागू करना मुश्किल काम है। ऐसे में सवाल यह है कि आप अपने निजी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए किस तरह से बचत की रणनीति तैयार करते हैं?

हम आपक के लिए यहां इनकम, खर्च करने की आदत और भविष्य के लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए कुछ व्यावहारिक सुझाव पेश कर रहे हैं।

पारंपरिक 50/20/30 नियम: अब यह नियम क्यों नहीं काम करता?

आपने 50/20/30 नियम के बारे में सुना होगा, जिसमें 50% इनकम जरूरतों पर खर्च करने की बात है, जबकि 20% बचत के लिए और 30% अन्य खर्चों के लिए। यह नियम आसान है, लेकिन इनफ्लेशन, लाइफस्टाइल बढ़ने और लोन की वजह इस पर अमल कर पाना मुश्किल है। आंत्रप्रेन्योर और सेबी के साथ रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार गौरव गोयल का कहना है कि कई लोगों को अपनी 20% सैलरी बचाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ता है। इसकी कई वजहें हैं। उनके मुताबिक, एक अहम वजह लाइफस्टाइल में बदलाव है। सोशल मीडिया और विज्ञापनों की वजह से लोग लग्जरी आइटम की खरीदारी के लिए प्रोत्साहित होते हैं और इस वजह से 50/20/30 का नियम लागू नहीं हो पाता।

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