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हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम बढ़ाने में मनमानी पर लगेगी रोक, लिमिट तय करने की तैयारी में IRDAI

कई इंश्योरेंस कंपनियां शुरुआत में हेल्थ पॉलिसी का प्रीमियम कम रखती हैं। फिर, हर साल प्रीमियम अपनी मर्जी से बढ़ाती हैं। इससे कुछ ही साल में पॉलिसी ग्राहक के लिए बहुत महंगी हो जाती है। ऐसे में उसके पास सीमित विकल्प रह जाता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 22, 2025 पर 2:09 PM
हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम बढ़ाने में मनमानी पर लगेगी रोक, लिमिट तय करने की तैयारी में IRDAI
कोविड के बाद इंश्योरेंस कंपनियों ने हेल्थ पॉलिसी का प्रीमियम तेजी से बढ़ाया है। इससे प्रीमियम में वृद्धि रेगुलेटर की निगरानी और इसके लिए ठोस पॉलिसी की मांग बढ़ी है।

हेल्थ इंश्योरेंस के ग्राहकों के लिए अच्छी खबर है। प्रीमियम बढ़ाने में इंश्योरेंस कंपनियों की मनमानी पर लगेगी रोक। इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (आईआरडीएआई) हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम में हर साल होने वाली वृद्धि की लिमिट तय करने पर विचार कर रहा है। यह प्रोडक्ट और पोर्टफोलियो दोनों के लिए होगा। अभी इंश्योरेंस कंपनियां हर साल प्रीमियम अपने मन से बढ़ा देती है। इससे ग्राहकों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

शुरुआत में प्रीमियम कम बाद में ज्यादा वृद्धि

कई इंश्योरेंस कंपनियां शुरुआत में हेल्थ पॉलिसी का प्रीमियम कम रखती हैं। फिर, हर साल प्रीमियम अपनी मर्जी से बढ़ाती हैं। इससे कुछ ही साल में पॉलिसी ग्राहक के लिए बहुत महंगी हो जाती है। ऐसे में उसके पास सीमित विकल्प रह जाता है। फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में जनरल इंश्योरेंस इंडस्ट्री के कुल प्रीमियम कलेक्शन में हेल्थ इंश्योरेंस की हिस्सेदारी 40 फीसदी रहने का अनुमान है।

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