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दो या ज्यादा राज्यों में जीएसटी रजिस्ट्रेशन है? तो 1 अप्रैल से जीएसटी के तहत ISD रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा

सरकार ने यूनियन बजट 2024 में इस नियम का ऐलान किया था। इनपुट सर्विस डिस्ट्रिब्यूटर (ISD) का मतलब ऐसे रजिस्टर्ड बिजनेसेज से है, जो इनपुट सर्विसेज के लिए इनवॉयस प्राप्त करताे हैं और टैक्स क्रेडिट को अपने ब्रांचेज में डिस्ट्रिब्यूट करते हैं। अभी तक आईएसडी रजिस्ट्रेशन ऑप्शनल था

Abhishek Anejaअपडेटेड Mar 28, 2025 पर 12:52 PM
दो या ज्यादा राज्यों में जीएसटी रजिस्ट्रेशन है? तो 1 अप्रैल से जीएसटी के तहत ISD रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा
यह नियम 1 अप्रैल, 2025 से लागू हो जाएगा।

ऐसे बिजनेसेज जो कई ब्रांचेज के जरिए इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का डिस्ट्रिब्यूशन करते हैं, उन्हें जीएसटी के तहत इनपुट सर्विस डिस्ट्रिब्यूटर (आईएसडी) के रूप में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। यह नियम 1 अप्रैल, 2025 से लागू हो जाएगा। इस नियम का ऐलान बजट 2024 में किया गया था। इसका मकसद कई ब्रांचेज से होने वाले टैक्स डिस्ट्रिब्यूशन को सुव्यवस्थित बनाना है।

इनपुट सर्विस डिस्ट्रिब्यूटर (ISD) का मतलब ऐसे रजिस्टर्ड बिजनेसेज से है, जो इनपुट सर्विसेज के लिए इनवॉयस प्राप्त करताे हैं और टैक्स क्रेडिट को अपने ब्रांचेज में डिस्ट्रिब्यूट करते हैं। अभी तक आईएसडी रजिस्ट्रेशन ऑप्शनल था। लेकिन, 1 अप्रैल, 2025 से इसे ऐसे बिजनेसेज के लिए अनिवार्य बना दिया गया है, जो आईटीसी का डिस्ट्रिब्यूशन अलग-अलग जगहों में स्थित अपनी ब्रांचेज में करते हैं।

पहले, बिजनेसेज आईएसडी रजिस्ट्रेशन के बिना टैक्स क्रेडिट डिस्ट्रिब्यूट कर सकते थे। इससे कंप्लायंस से जुड़े मसले पैदा होते थे। आईएसडी रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य बनाने के पीछ सरकार का मकसद ज्यादा पारदर्शिता और आईटीसी क्लेम के दुरूपयोग को रोकना है।

बिजनेसेज को क्या करना होगा?

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