Get App

ITR Filing: एनआरआई के लिए टैक्स के नियम क्या हैं, वे दो बार टैक्स चुकाने से किस तरह बच सकते हैं?

इंडिया में व्यक्ति की इनकम पर टैक्स के नियम इस आधार पर भी तय होता है कि उसका रेजिडेंसी स्टेट्स क्या है। इंडिया में इंडिविजुअल्स के लिए टैक्स रेजिडेंसी को तीन कैटेगरी में बांटा गया है। इनमें ऑर्डिनरी रेजिडेंट, रेजिडेंट बट नॉट ऑर्डिनरी रेजिडेंट (आरएनओआर) और नॉन-रेजिडेंट (एनआरआई) शामिल है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 29, 2024 पर 1:28 PM
ITR Filing: एनआरआई के लिए टैक्स के नियम क्या हैं, वे दो बार टैक्स चुकाने से किस तरह बच सकते हैं?
अगर कोई व्यक्ति नॉन-रेजिडेंट की कैटेगरी में आता है तो उसकी इनकम पर इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 9 के प्रावधान के मुताबिक टैक्स लगेगा।

इनकम टैक्स के मामले में नॉन-रेजिडेंट इंडियंस (एनआरआई) के लिए अलग नियम हैं। एनआरआई के लिए इनके बारे में जानना जरूरी है। इंडिया में इंडिविजुअल्स के लिए टैक्स रेजिडेंसी को तीन कैटेगरी में बांटा गया है। इनमें ऑर्डिनरी रेजिडेंट, रेजिडेंट बट नॉट ऑर्डिनरी रेजिडेंट (आरएनओआर) और नॉन-रेजिडेंट (एनआरआई) शामिल है। किसी व्यक्ति को विदेश में हुई इनकम पर इंडिया में तभी टैक्स लगता है जब वह आर्डिनरी रेजिडेंट की कैटेगरी में आता है।

इंडिया में रेजिडेंट के लिए क्या शर्तें हैं?

किसी व्यक्ति के रेजिडेंट ऑफ इंडिया की कैटेगरी में आने के लिए कुछ शर्तें तय हैं। पहला, उसका फाइनेंशियल ईयर के दौरान इंडिया में 182 दिन या इससे ज्यादा रहना जरूरी है। यह एक साथ या अलग-अलग हिस्सों में हो सकता है। पहले के चार वित्त वर्षों में उसका इंडिया में 365 दिन या उससे ज्यादा रहना जरूरी है। अगर कोई व्यक्ति ये शर्तें पूरी नहीं करता है तो उसे टैक्स के मामले में नॉन-रेजिडेंट माना जाएगा भले ही वह भारत का नागरिक है या एक OCI (ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया) है।

NRI पर टैक्स के कौन से नियम लागू होते हैं?

सब समाचार

+ और भी पढ़ें