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Kisan Vikas Patra: रिस्क-फ्री इनवेस्टमेंट के लिए KVP है शानदार ऑप्शन, जानिए इसमें निवेश के क्या हैं फायदे

केवीसी का लॉक-इन पीरियड 30 महीने है। इसके बाद जरूरत पड़ने पर इसमें से पैसे निकाले जा सकते हैं। इस स्कीम में नॉमिनेशन की इजाजत है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनवेस्टर्स को नॉमिनेशन जरूर करना चाहिए। इससे इनवेस्टर के निधन की स्थिति में पैसे नॉमिनी को मिल जाता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 30, 2024 पर 4:56 PM
Kisan Vikas Patra: रिस्क-फ्री इनवेस्टमेंट के लिए KVP है शानदार ऑप्शन, जानिए इसमें निवेश के क्या हैं फायदे
केवीपी पर इंटरेस्ट से हुई इनकम पर टैक्स लगता है।

इनवेस्टमेंट में रिस्क नहीं लेने वाले लोगों के लिए किसान विकास पत्र (केवीपी) अच्छा विकल्प है। यह स्कीम सरकार की है, जिससे इसमें निवेश करना पूरी तरह सुरक्षित है। इसमें करीब 124 महीनों में निवेश का पैसा दोगुना हो जाता है। कई लोग ऐसे निवेश माध्यम में पैसे लगाना पसंद करते हैं, जिसका संबंध स्टॉक मार्केट से नहीं हो। ऐसे लोग केवीपी में निवेश कर सकते हैं।

पोस्ट ऑफिस और कुछ बैंकों की ब्रांच में उपलब्ध

केवीपी (KVP) की शुरुआत दरअसल किसानों के लिए हुई थी। लेकिन, इसे सभी लोगों के लिए ओपन कर दिया गया। यह फिक्स्ड रेट सेविंग्स स्कीम है। इसका मतलब है कि इसके रिटर्न का अंदाजा पहले से निवेशक को रहता है। केवीपी में पोस्ट ऑफिस और कुछ बैंकों की ब्रांच में निवेश किया जा सकता है। इस स्कीम का मकसद लोगों के सेविंग्स के पैसे का इस्तेमाल करना और उस पर उन्हें अट्रैक्टिव रिटर्न देना है।

न्यूनतम 1000 रुपये से किया जा सकता है निवेश

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