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Bihar Land Registry: बिहार में बदल गए रजिस्ट्री के नियम, जमीन की खरीद-बिक्री होगी पेपरलेस

Paperless Land Registry in Bihar: बिहार में अब भूमि विवाद सामान्य सी बात हो गई है। इस समस्या को हल करने के लिए सरकार ने नए उपाय किए हैं। सरकार ने जमीन रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब राज्य में जमीन की खरीद-बिक्री पेपरलेस होगी। कुछ इलाकों में पेपरलेस प्रक्रिया शुरू हो गई है

MoneyControl Newsअपडेटेड Mar 02, 2025 पर 12:39 PM
Bihar Land Registry: बिहार में बदल गए रजिस्ट्री के नियम, जमीन की खरीद-बिक्री होगी पेपरलेस
Paperless Land Registry in Bihar: अप्रैल से पूरे बिहार में पेपरलेस रजिस्ट्री प्रक्रिया लागू हो जाएगी।

बिहार सरकार ने जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया को और अधिक सुविधाजनक और पारदर्शी बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब राज्य में जमीन की खरीद-बिक्री पूरी तरह से पेपरलेस की जाएगी। जिससे आम लोगों को रजिस्ट्री में होने वाली दिक्कतों से छुटकारा मिलेगा। वहीं बिहार में रजिस्ट्री करवाने के लिए लगातार रजिस्ट्री कचहरी का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। इतना ही नहीं आने वाले दिनों में अब केवाला की अहमियत भी काफी हद तक कम हो जाएगी। बिहार के आरा, शेखपुरा, पटना के फतुहा और मोतिहारी के केसरिया में ऑनलाइन रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू हो गई है।

दरअसल, बिहार में रजिस्ट्री के नियमों को बदलाव किया गया है। अब इस पूरी प्रक्रिया को पेपरलेस बना दिया गया है। बाकी चीजों की तरह रजिस्ट्री को भी ऑनलाइन कर दिया गया है। ऐसे में लोग अब बिना किसी झंझट के जमीन की खरीद बिक्री कर सकते हैं।

ऑनलाइन प्रक्रिया से समय की होगी बचत

1 अप्रैल 2025 से राज्य के सभी 137 रजिस्ट्री कार्यालयों में पेपरलेस रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इससे पूरे राज्य में रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया जाएगा। इसके साथ ही इससे फर्जीवाड़े पर लगाम कसने में मदद मिलेगी। सूबे में इस बदलाव के बाद लोगों को रजिस्ट्री कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। सारी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। जिससे समय की बचत होगी। इसके साथ ही आम आदमी को राहत मिलेगी। लोगों को सरल तरीके से अपनी जमीन की रजिस्ट्री करने का मौका मिलेगा। इतना ही नहीं इस इस नए बदलाव से कातिब और स्टांप वेंडर की बेरोजगारी की चिंता भी खत्म हो जाएगी। मैनुअल काम के बजाय, वे अब ऑनलाइन काम कर सकेंगे। इससे उनकी आजीविका भी बनी रहेगी और वे डिजिटल प्रक्रिया का हिस्सा बनेंगे।

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