म्यूचुअल फंड की स्कीमों में जनवरी में अच्छा निवेश आया। इससे कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 67.25 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। मिडकैप फंड स्कीमों में 5,148 करोड़ रुपये का निवेश आया, जबकि स्मॉलकैप फंडों में 5,721 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। इससे पता चलता है कि निवेशकों का भरोसा इन दोनों कैटेगरी के फंडों पर बना हुआ है। लेकिन, चिंता की एक वजह भी दिखी। नए सिप रजिस्ट्रेशन के मुकाबले पुराने सिप के डिसकंटिन्यू होने के मामले ज्यादा देखने को मिले। क्या यह वाकई चिंता की बात है?