
दुनिया की बड़ी टेक कंपनियों Amazon, Google, Microsoft और Apple में हाल ही में हुई भारी छंटनी ने नौकरीपेशा लोगों में डर बना दिया है। खासकर वह लोग जिन्हें परिवार में अकेले कमाने की जिम्मेदारी उठानी पड़ती है, उनके लिए हालात मुश्किल बन जाते हैं। महंगाई और बढ़ते खर्चों के कारण कई परिवार ऐसी स्थिति में पहुंच चुके हैं जहां सैलरी आने के कुछ ही दिनों बाद जेब खाली हो जाती है, चाहे आपकी सैलरी 1 लाख रुपये से अधिक क्यों न हों, तब भी सैलरी आने और खत्म होने में ज्यादा समय नहीं लगता। हम अक्सर ऐसी गलती करते हैं, जहां हमें लगता है कि हम पैसा बचा रहे हैं लेकिन सही मायने में पैसा बर्बाद कर रहे होते हैं।
1. इंश्योरेंस को निवेश समझना - सबसे बड़ी गलती
अधिकतर लोग एंडोमेंट या मनी-बैक पॉलिसी को निवेश मानकर खरीदते हैं, जबकि ये न तो अच्छा रिटर्न देती हैं न ही सेफ्टी देती हैं। एक्सपर्ट की राय है कि केवल टर्म इंश्योरेंस लें और बाकी पैसा म्यूचुअल फंड में लगाएं। 10–20 साल में यह रकम बहुत बढ़ सकती है।
2. किसी का लोन को-साइन करना
दोस्त या रिश्तेदार पर भरोसा करके लोन में गारंटर बन जाना जोखिम भरा है। यदि वह EMI भरना बंद कर दे, तो उसका सीधा असर को-साइनर के CIBIL स्कोर पर पड़ता है। इसलिए ऐसे किसी भी कदम से पहले पूरी जांच जरूरी है।
3. क्रेडिट कार्ड पर सिर्फ मिनिमम अमाउंट भरना
क्रेडिट कार्ड का न्यूनतम पेमेंट करने पर 36–40% तक की सालाना ब्याज दर लगती है। इसी वजह से 50,000 रुपये का बिल दो साल में 1 लाख रुपये से ज्यादा हो सकता है। पूरा अमाउंट चुकाना ही सबसे सेफ तरीका है।
4. समझ के बिना निवेश करना
क्रिप्टो, NFT या किसी भी गारंटीड स्कीम में बिना जानकारी निवेश करना बेहद खतरनाक है। अगर आप किसी निवेश को एक वाक्य में समझा नहीं सकते, तो उसमें पैसा नहीं लगाना चाहिए।
5. सैलरी बढ़ते ही खर्च बढ़ा देना
इसे लाइफस्टाइल इन्फ्लेशन कहा जाता है। लोग नए फोन, कार और लग्जरी पर खर्च बढ़ा देते हैं और बचत वहीं की वहीं रह जाती है। जबकि सैलरी बढ़ने पर निवेश भी बढ़ना चाहिए।
6. नई कार EMI पर खरीदना
नई कार लेते ही उसका मूल्य करीब 20% घट जाता है, ऊपर से 5–7 साल की EMI अलग देनी होती है। एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि कार तभी लें जब फाइनेंशियल स्थिति मजबूत हो या फिर सेकंड हैंड या छोटी कार चुनें।
7. सारा पैसा एक ही जगह निवेश करना
एक ही निवेश पर निर्भर रहना जोखिम भरा है। शेयर, म्यूचुअल फंड, गोल्ड बॉन्ड और अन्य विकल्पों में संतुलन बनाना बेहतर होता है।
8. जितनी कमाई है, उससे बहुत ज्यादा होम लोन ले लेना
ऐसा होम लोन जो सैलरी का आधा हिस्सा खा जाए, आपकी नौकरी बदलने की क्षमता और फाइनेंशियल स्वतंत्रता खत्म कर देता है। EMI हमेशा इनकम के 25–30% से कम होनी चाहिए।
9. ज्यादा ब्याज वाले तुरंत टाइप के लोन
Payday लोन या इंस्टेंट लोन पर 40–50% तक ब्याज लगता है। इससे फाइनेंशियल स्थिति पूरी तरह बिगड़ सकती है। बजट बनाना और इमरजेंसी फंड रखना बेहद जरूरी है।
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