Get App

Ganga Dussehra 2025: गंगा दशहरा पर मां गंगा की पूजा कैसे करें? जानिए पूजा मंत्र, आरती और शुभ मुहूर्त की पूरी जानकारी

Ganga Dussehra 2025: गंगा दशहरा 2025 का पर्व आज, 5 जून को मनाया जा रहा है। यह पावन दिन मां गंगा के पृथ्वी पर अवतरण की स्मृति में मनाया जाता है। ज्येष्ठ शुक्ल दशमी पर गंगा स्नान और पूजन का विशेष महत्व है। इस दिन श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य और मोक्ष की कामना करते हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 05, 2025 पर 9:47 AM
Ganga Dussehra 2025: गंगा दशहरा पर मां गंगा की पूजा कैसे करें? जानिए पूजा मंत्र, आरती और शुभ मुहूर्त की पूरी जानकारी
Ganga Dussehra 2025: गंगा दशहरा पर स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 5:25 से 7:40 तक है

गंगा दशहरा हिंदू धर्म का एक बहुत ही खास और पवित्र पर्व है, जिसे हर साल ज्येष्ठ महीने की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन को "गंगावतरण" के रूप में जाना जाता है क्योंकि मान्यता है कि इसी दिन मां गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थीं। कहा जाता है कि गंगा जल में स्नान करने से न केवल तन शुद्ध होता है, बल्कि आत्मा को भी शांति मिलती है। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, मां गंगा की विधिपूर्वक पूजा करते हैं और दान-पुण्य करके मोक्ष की कामना करते हैं।

जिन लोगों को गंगा नदी तक जाना संभव नहीं होता, वे घर पर ही स्नान के जल में गंगाजल मिलाकर पूजा करते हैं। गंगा दशहरा सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि और कर्मों के सुधार का अवसर भी है।

गंगा दशहरा का अर्थ और महत्व

‘गंगा दशहरा’ शब्द दो भागों से बना है—‘दश’ यानी दस और ‘हरा’ यानी हरना। इस दिन किए गए स्नान, पूजन और दान से दस प्रकार के पापों (तीन शारीरिक, चार वाचिक और तीन मानसिक) का नाश होता है। स्कंद पुराण, पद्म पुराण और वाल्मीकि रामायण में गंगा की महिमा का विस्तार से वर्णन है। मां गंगा को मोक्षदायिनी माना गया है।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें