Jitiya vrat 2025: आज माताएं अपनी संतान की सुख, शांति और लंबी उम्र के लिए निर्जला उपवास करेंगी और कल सूर्योदय के बाद व्रत का पारण करेंगी। इस व्रत को हिंदू धर्म के सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। ये व्रत अश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है। इस साल से व्रत आज किया जा रहा है। इसे जीवित्पुत्रिका या जिउतिया व्रत के नाम से भी जाना जाता है। ये व्रत बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश में किया जाता है। मूल रूप से व्रत की शुरुआत अश्विन मास की कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि से यानी शनिवार 13 सितंबर को नहाय खाय से हो चुकी है। इस व्रत की एक विशेष परंपरा है ओठगन की। इसके बिना ये व्रत अधूरा माना जाता है। आइए जानें इसके बारे में सबकुछ