Surya Grahan 2025: इस साल सर्वपितृ अमावस्या के दिन यानी अश्विन मास की अमावस्या के साथ साल के दूसरे और अंतिम सूर्य ग्रहण का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इसकी वजह से 21 सितंबर को पितरों की विदाई को लेकर लोगों में काफी असमंजस देखा जा रहा है। दरअसल, ग्रहण काल के दौरान कोई भी धार्मिक कार्य नहीं किया जाता है। ऐसे में पितरों की विदाई करना उचित होगा या नहीं? ऐसे सवाल लोगों के मन में उठ रहे हैं।