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Paush Month 2025: आज से शुरू हुआ पौष का महीना, इस महीने में ये चार काम किए तो होगा नुकसान

Paush Month 2025: आज से पौष का महीना शुरू हो चुका है। इस महीने को धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसमें कई काम हैं, जिन्हें करने पर नुकसाल उठाना पड़ सकता है। वहीं कुछ ऐसी चीजें भी हैं, जो इस माह करने से शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। आइए जानें

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 05, 2025 पर 2:02 PM
Paush Month 2025: आज से शुरू हुआ पौष का महीना, इस महीने में ये चार काम किए तो होगा नुकसान
पौष के महीने में मांगलिक कार्य नहीं होते, लेकिर पूजा-पाठ कर सकते हैं।

Paush Month 2025: हिंदू धर्म में पौष का महीना धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ये पवित्र महीना आज से शुरू हो चुका है। इस महीने में मांगलिक कार्य करने पर रोक होती है, लेकिन पूजा पाठ में कोई मनाही नहीं होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पौष के महीने को छोटा पितृ पक्ष भी कहा जाता है। इसलिए इस माह में पितरों का श्राद्ध करने का भी विधान बताया गया है, जिससे पितृ दोष शांत होता है। इस माह में सूर्य की पूजा और सुबह अर्घ्य देने पर शुभ फल की प्राप्ति होती है और कई ग्रह दोष दूर होते हैं। पौष के महीने में मांगलिक कार्य नहीं होते, लेकिर पूजा-पाठ कर सकते हैं। इसी तरह कुछ काम ऐसे हैं, जिन्हें पौष के माह में नहीं करना चाहिए। आइए जानें इसके बारे में

मांगलिक कार्य : पौष के महीने में विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश या अन्य मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। इस माह में खरमास लगता है, जिसमें इन्हें करना अशुभ माना जाता है।

नए या बड़े काम की शुरुआत : किसी नए काम या कारोबार की शुरुआत करने के लिए भी पौष का महीना अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसा करने पर आर्थिक नुकसान या अप्रत्याशित कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

तेल की मालिश : धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पौष माह में तेल की मालिश करने से परहेज करना चाहिए। ऐसा करने से स्वास्थ्य या ऊर्जा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

अनियंत्रित क्रोध और अनुचित वाणी का प्रयोग : इस माह में संयम और आत्मनियंत्रण का पालन करना बहुत जरूरी माना जाता है। क्रोध या कठोर वाणी से रिश्तों में तनाव बढ़ सकता है और जीवन में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो सकता है।

पौष माह में करने योग्य शुभ कार्य

भक्ति और संयम : इस महीने भगवान की भक्ति में मन लगाना, संयमित रहना, सौम्य व्यवहार बनाए रखना और क्रोध से दूर रहना जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाता है।

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