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Som Pradosh Vrat 2025: सोम प्रदोष के दिन इस कथा का पाठ दूर करेगा हर परेशानी, भोलेनाथ बरसाएंगे असीम कृपा

Som Pradosh Vrat 2025: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को अत्यंत पवित्र माना गया है। इस व्रत के दौरान व्रत कथा पढ़ना या सुनना बेहद जरूरी होता है। माना जाता है कि प्रदोष व्रत की कथा सुनने से भगवान शिव की विशेष कृपा मिलती है। भोलेनाथ की कृपा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सुख-शांति बनी रहती है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 23, 2025 पर 9:59 AM
Som Pradosh Vrat 2025: सोम प्रदोष के दिन इस कथा का पाठ दूर करेगा हर परेशानी, भोलेनाथ बरसाएंगे असीम कृपा
Som Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा के साथ व्रत कथा सुनना बहुत फलदायी माना गया है।

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है और इसे भोलेनाथ को प्रसन्न करने वाला सर्वश्रेष्ठ उपवास माना जाता है। ये व्रत हर माह दो बार पड़ता है — एक बार कृष्ण पक्ष में और दूसरी बार शुक्ल पक्ष में। सालभर में कुल 24 प्रदोष व्रत आते हैं। प्रदोष व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए फलदायी होता है जो जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और इच्छाओं की पूर्ति चाहते हैं। वर्तमान में आषाढ़ मास चल रहा है और 23 जून 2025, सोमवार को सोम प्रदोष व्रत रखा जा रहा है। सोमवार का दिन शिवजी को बहुत प्रिय माना जाता है, ऐसे में जब प्रदोष व्रत सोमवार को पड़े तो इसका महत्व और बढ़ जाता है।

मान्यता है कि प्रदोष काल में विधि-विधान से शिवजी की पूजा करने से सभी दुख दूर होते हैं और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। भक्त पूरे दिन उपवास रखते हैं और शाम को प्रदोष काल में शिव पूजन करते हैं।

कब होता है प्रदोष काल?

प्रदोष व्रत में पूजा का महत्व खास तौर पर प्रदोष काल में होता है। ये समय सूर्यास्त से करीब 45 मिनट पहले शुरू होता है और शाम होते ही भगवान शिव की आराधना का सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है।

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