हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है और इसे भोलेनाथ को प्रसन्न करने वाला सर्वश्रेष्ठ उपवास माना जाता है। ये व्रत हर माह दो बार पड़ता है — एक बार कृष्ण पक्ष में और दूसरी बार शुक्ल पक्ष में। सालभर में कुल 24 प्रदोष व्रत आते हैं। प्रदोष व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए फलदायी होता है जो जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और इच्छाओं की पूर्ति चाहते हैं। वर्तमान में आषाढ़ मास चल रहा है और 23 जून 2025, सोमवार को सोम प्रदोष व्रत रखा जा रहा है। सोमवार का दिन शिवजी को बहुत प्रिय माना जाता है, ऐसे में जब प्रदोष व्रत सोमवार को पड़े तो इसका महत्व और बढ़ जाता है।
