सनातन धर्म में मंदिर जाना केवल भगवान के दर्शन और पूजा तक सीमित नहीं रहता, बल्कि पूजा के बाद मंदिर की सीढ़ियों पर बैठना भी बेहद शुभ माना जाता है। ये परंपरा सदियों पुरानी है, लेकिन इसके पीछे छिपा आध्यात्मिक रहस्य कई लोगों को पता नहीं होता। शास्त्रों के अनुसार, मंदिर का शिखर भगवान का मुख है और मंदिर की सीढ़ियां उनकी चरण पादुका के समान मानी जाती हैं। इसलिए, जब भक्त पूजा के बाद मंदिर की सीढ़ियों पर कुछ देर बैठते हैं, तो वो सीधे भगवान के चरणों के समीप होते हैं। इस समय उनका मन शांति पाता है और वे अपने ईष्ट देवता को स्मरण करते हुए अपनी मनोकामनाओं की प्रार्थना करते हैं।