Vaman Jayanti 2025: भगवान विष्णु के वामन अवतार को समर्पित यह व्रत वामन द्वादशी के नाम से भी जाना जाता है। यह भगवान श्रीहरि का पांचवां अवतार था। यह व्रत हर साल दो बार किया जाता है, चैत्र शुक्ल पक्ष की द्वादशी को और भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को। भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि का व्रत इस साल 4 सितंबर के दिन मनाया जाएगा। यह पर्व श्रवण नक्षत्र और अभिजीत मुहूर्त में मनाया जाता है। वामन द्वादशी का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। माना जाता है कि इस दिन श्री हरि के वामन अवतार की पूजा करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। वहीं, भगवान वामन को चढ़ाए शहद का रोज सेवन करने से हर प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है।