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भारतीयों से ही परेशान हैं अमेरिका में इंडियन एंप्लॉयीज! Amazon में काम कर चुके शख्स का बड़ा खुलासा

अमेरिका में काम करने का सपना पूरा होना भयावह भी हो सकता है। एमेजॉन (Amazon) से भारत लौटे एक शख्स ने बताया कि अमेरिका में अमेरिकी नहीं बल्कि ऑफिस में भारतीय मैनेजर्स ही शोषण करते हैं। हालांकि नौकरी भी भारतीयों को ही आराम से मिल जाती है। जानिए एमेजॉन के एक्स-एंप्लॉयी ने भारतीय मैनेजर्स को क्यों कुसूरवार ठहराया है और अमेरिका में काम का माहौल कैसा है?

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Sep 23, 2025 पर 2:05 PM
भारतीयों से ही परेशान हैं अमेरिका में इंडियन एंप्लॉयीज! Amazon में काम कर चुके शख्स का बड़ा खुलासा
भारत लौटे चुके Amzon के पूर्व एंप्लॉयी का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा की फीस बढ़ाई है, वह तार्किक रूप से पूरी तरह गलत नहीं है।

हाल ही में अमेरिका से लौटे एक शख्स ने रेडिट (Reddit) पर एच-1बी (H-1B) सिस्टम और अमेरिका में काम के माहौल के बारे में बड़े खुलासे किए। शख्स का दावा है कि पिछले महीने अमेरिका वापस आने से पहले वह वहां एमेजॉन (Amazon) में काम करता था। उसका दावा है कि वह अमेरिका से भारत इसलिए लौटा क्योंकि भारतीय मैनेजर्स का व्यवहार अच्छा नहीं है। उसने अपनी पूरी बात रेडिट पर "रिटर्न्ड फ्रॉम यूएसए रिसेंटली। माय टेक ऑन एच1बी सिचुएशन एंड व्हाई अमेरिकंस हेट इंडियंस टेकिंग अप जॉब दियर" शीर्षक से लिखी है। इसका मतलब है कि उन्होंने अपने इस पोस्ट में इस बात का जिक्र किया है कि एच-1बी वीजा को लेकर क्या स्थिति है और भारतीयों को अमेरिका में नौकरी पर अमेरिकी नफरत क्यों करते हैं।

भारतीय मूल के मैनेजर्स पर निकाली भड़ास!

एमेजॉन के पूर्व एंप्लॉयी का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा की फीस बढ़ाई है, वह तार्किक रूप से पूरी तरह गलत नहीं है। इसकी वजह ये है कि अमेरिकी कंपनियों में जो भारतीय ऊंचे पदों पर पर हैं, वे मुख्य रूप से भारतीयों को ही काम पर रखते हैं और वह भी इसलिए ताकि उनका शोषण कर सकें और उनके वीजा स्थिति का फायदा उठा सकें। वह अमेरिकियों को इसलिए नौकरी पर नहीं रखते क्योंकि उन्हें पता है किउन्हें 24/7 काम करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है और अगर उनके साथ ज्यादती की गई तो वह मुकदमा करने से भी नहीं हिचकते।

एमेजॉन के पूर्व एंप्लॉयी की यह पोस्ट ऐसे समय में आई है, जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा की सालाना फीस $1,00,000 कर दी। इससे यह सवाल उठने लगे कि क्या यह जरूरी सुधार है या अमेरिका की टेक टैलेंट पाइपलाइन पर एक गंभीर चोट। हालांकि बाद में अमेरिकी सरकार ने स्पष्ट किया कि यह फीस नए वीजा एप्लीकेशन पर ही लागू होगा, न कि मौजूदा वीजा पर या रिन्यूअल पर।

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