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Covid-19 फिर पसारने लगा पैर, भारत में भी बढ़े केस; कितनी मजबूत है इम्युनिटी? क्या एक और लहर के लिए मेंटली हैं तैयार?

कोविड-19 संक्रमण ने जहां शरीर को कमजोर बना दिया, वहीं मन पर भी इसका काफी बुरा असर पड़ा। महामारी के दौरान पूरे भारत में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं में तेजी से वृद्धि हुई। वैसे तो इस समय भारत में कोविड-19 को लेकर घबराने की कोई बात नहीं है, लेकिन नए वेरिएंट को कम आंकना भी सही नहीं है

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड May 21, 2025 पर 5:27 PM
Covid-19 फिर पसारने लगा पैर, भारत में भी बढ़े केस; कितनी मजबूत है इम्युनिटी? क्या एक और लहर के लिए मेंटली हैं तैयार?
जब भी कोविड की बात चलती है तो साल 2020 और साल 2021 के भयावह दिनों की यादें ताजा हो जाती हैं।

कोरोनावायरस के ​मामलों में फिर से तेज उछाल दर्ज किया जा रहा है। सिंगापुर और हांगकांग सहित दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि ने नई चिंताएं पैदा कर दी हैं। भारत में भी केसेज बढ़ गए हैं। हाल ही में खबर आई कि बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शिरोडकर भी कोविड पॉजिटिव हो गई हैं। जब भी कोविड की बात चलती है तो साल 2020 और साल 2021 के भयावह दिनों की यादें ताजा हो जाती हैं। भारत मे कोरोनावायरस का पहला केस जनवरी 2020 में मिला था। पहली लहर की अवधि मार्च-सितंबर 2020 तक मानी गई। इसके बाद अप्रैल-मई 2021 के दौरान भारत में कोविड-19 की घातक दूसरी लहर ने कई लोगों की जान ले ली।

भारत में ओमिक्रॉन वेरिएंट से प्रेरित तीसरी लहर दिसंबर 2021 से फरवरी 2022 तक चली। इसके बाद से देश में कोविड-19 मामलों में कोई बड़ी वृद्धि नहीं देखी गई। तब से, अब तक जीवन कोविड के उस भयानक दौर से आगे बढ़ चुका है। वैसे तो इस समय भारत में कोविड-19 को लेकर घबराने की कोई बात नहीं है, लेकिन सवाल यह है कि क्या हम महामारी की एक और लहर का सामना करने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह तैयार हैं?

अभी लोगों की इम्युनिटी काफी मजबूत

नवी मुंबई स्थित अपोलो हॉस्पिटल्स में जनरल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. भरत अग्रवाल का कहना है कि इस स्तर पर कोविड-19 के खिलाफ लोगों की इम्युनिटी काफी मजबूत बनी हुई है। इसका श्रेय व्यापक वैक्सिनेशन कवरेज और पिछले इनफेक्शंस के जरिए विकसित नेचुरल इम्युनिटी को जाता है। उन्होंने कहा, "JN.1 जैसे नए वेरिएंट्स के मामले में, जिसे वर्तमान में बहुत हल्का स्ट्रेन माना जाता है, मौजूदा इम्युनिटी प्रभावी साबित हो रही है। फिर वह इम्युनिटी चाहे वैक्सीन के चलते हो, नेचुरल हो, या हाइब्रिड हो। वर्तमान में कोई संकेत नहीं है कि अतिरिक्त या वेरिएंट-विशिष्ट बूस्टर की जरूरत है। हमें पहले से लग चुके वैक्सीन, इनफेक्शन रेट्स को कंट्रोल में रखने और रीइनफेक्शन के मामले में लक्षणों की गंभीरता को कम करने में अपना उद्देश्य पूरा करना जारी रखते हैं।"

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