सोचिए, आप किसी ऐसे गांव में जाएं जहां लोग एक-दूसरे को नाम से नहीं, बल्कि सीटी की धुन से पुकारते हों! ये कोई कहानी नहीं, बल्कि मेघालय के कॉन्थोंग गांव की असली पहचान है। यहां हर व्यक्ति की एक खास सीटी होती है, जो उसके नाम का काम करती है। दूर से चलते हुए, खेतों में काम करते हुए या पहाड़ों के बीच आवाज लगानी हो, लोग बस अपनी अनोखी सीटी बजाते हैं और सामने वाला तुरंत समझ जाता है कि कौन उसे बुला रहा है। ये परंपरा इतनी अनूठी है कि इस छोटे से गांव को देश ही नहीं, दुनिया में भी “व्हिसलिंग विलेज” के नाम से जाना जाने लगा है।
