जब पूरा देश दशहरे पर रावण के पुतले जलाकर बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाता है, वहीं उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के बिसरख गांव में दशहरा एकदम अलग ढंग से मनाया जाता है। इस गांव में लोग रावण को बुराई का प्रतीक मानकर नहीं जलाते, बल्कि उसकी विद्वता, ज्ञान और पौराणिक महत्व के लिए पूजा करते हैं। कहा जाता है कि बिसरख रावण की जन्मस्थली है, इसलिए यहां के लोग उसे अपने पूर्वज और आदर्श मानते हैं। दशहरे के दिन यहां शोक और सम्मान का माहौल होता है।