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October 2025 Supermoon: कर लीजिए तैयारी, अक्टूबर के पहले हफ्ते में इस दिन होगा सुपरमून का दीदार

October 2025 Supermoon: अक्टूबर का महीना एक के बाद एक आने पर्व और त्योहारों की वजह से खास होने के साथ ही सुपरमून की वजह से भी अहम होगा। अक्टूबर के पहले हफ्ते में 6 तारीख को सुपरमून का दीदार करने को मिलेगा। आइए जानें इसे कब, कहां और कैसे देख सकेंगे

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 02, 2025 पर 9:09 PM
October 2025 Supermoon: कर लीजिए तैयारी, अक्टूबर के पहले हफ्ते में इस दिन होगा सुपरमून का दीदार
अक्टूबर की पूर्णिमा को दुनिया के कुछ क्षेत्रों में हार्वेस्ट मून के नाम से भी जाना जाता है।

October 2025 Supermoon: अक्टूबर का महीना शुरू हो चुका है और इस माह में हिंदू धर्म के कई बड़े और प्रमुख त्योहार आएंगे। लेकिन ये महीना सिर्फ व्रत और त्योंहारों के लिहाज से ही खास नहीं होगा, इसमें एक ऐसी खगालीय घटना भी होगी, जिसका बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। अक्टूबर के पहले हफ्ते में 6 तारीख को आने वाली पूर्णिमा के दिन चंद्रमा धरती के बेहद निकट होगा, इसलिए धरतीवासियों को सुपरमून का दीदार करने का मौका मिलेगा। अक्टूबर की पूर्णिमा को दुनिया के कुछ क्षेत्रों में हार्वेस्ट मून के नाम से भी जाना जाता है। अपने देश में ये आमतौर से अश्विन मास की पूर्णिमा होती है, जिसे शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। आइए जानते हैं सुपरमून और हार्वेस्ट मून के बारे में सबकुछ

हार्वेस्ट मून कब दिखाई देगा?

इस साल हार्वेस्ट मून 6 अक्टूबर को होगा। यह 7 अक्टूबर को मध्यरात्रि 03:48 बजे अपने पूर्ण चरण में पहुंचेगा। पिछले महीने की पूर्णिमा के मुकाबले इस पूर्णिमा का समय सितंबर विषुव से 14 घंटे और 39 मिनट ज्यादा करीब है। ऐसा दुर्लभ संयोग 1970 और 2050 के बीच केवल कुछ ही बार हुआ है। पिछला अक्टूबर हार्वेस्ट मून 2020 में था, और अगला 2028 में दिखाई देगा।

हार्वेस्ट मून अनोखा क्यों है?

सितंबर विषुव के तुरंत बाद आने वाली पूर्णिमा हार्वेस्ट मून कहते हैं। ऐतिहासिक रूप से, मूल अमेरिकी कृषक वर्ग के लोग इस पूर्णिमा की चांदनी में मक्का और फलियां जैसी फसलों की कटाई करते थे। किसान मौसम बदलने से पहले गर्मियों की आखिरी उपज घर लाने के लिए चांद की रोशनी में काम करते थे।

हार्वेस्ट मून या सुपरमून

2025 का पहला सुपरमून 6 अक्टूबर को नजर आएगा। इस महीने की पूर्णिमा को ‘हार्वेस्ट मून’ कहा जाता है क्योंकि यह शरद विषुव के तुरंत बाद आती है। इस महीने की पूर्णिमा में धरती का प्राकृतिक उपग्रह यानी चंद्रमा अपनी मासिक कक्षा में पृथ्वी के सबसे नजदीकी स्थान के पास आ जाता है। इससे यह ‘सुपरमून’ बनता है जो रात के आकाश में सामान्य से थोड़ा बड़ा दिखाई देगा।

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