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ईरान के हाथ में परमाणु बम थमाने वाला कोई और नहीं बल्कि मानवता का यह बड़ा दुश्मन था, चंद पैसों के लिए बेचा मौत का सामान

अब्दुल कादिर खान ने 1970 के दशक की शुरुआत में URENCO में काम करना शुरू किया। वह 1975 में पाकिस्तान लौट आया। वह अपने साथ चोरी किया गया सेंट्रीफ्यूज ब्लूप्रिंट्स और सप्लायर्स की लिस्ट भी ले आया। उसकी अगुवाई में पाकिस्तान के कहुटा में पाकिस्तान ने यूरेनियम संवर्द्धन का काम शुरू हुआ

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Jun 20, 2025 पर 2:41 PM
ईरान के हाथ में परमाणु बम थमाने वाला कोई और नहीं बल्कि मानवता का यह बड़ा दुश्मन था, चंद पैसों के लिए बेचा मौत का सामान
एनालिस्ट्स का दावा है कि ईरान अब भी पाकिस्तान के पी1-स्टाइल सेंट्रीफ्यूज आर्किटेक्चर का इस्तेमाल करता है।

ईरान और इजरायल की लड़ाई शुरू हुए एक हफ्ते से ज्यादा समय बीत चुका है। दोनों में कोई घुटने टेकने को तैयार नहीं है। अब बात परमाणु बम के हमले तक आ पहुंची है। अगर ऐसा हुआ तो इससे होने वाली तबाही का आप अंदाजा नहीं लगा सकते। क्या आप जानते हैं कि ईरान के हाथ में परमाणु बम थमाने वाला कोई नहीं बल्कि मानवता का एक बड़ा दुश्मन था। उसने न सिर्फ ईरान बल्कि कई देशों को परमाणु बम की टेक्नोलॉजी कुछ पैसों के लिए बेच दी थी। मानवता के इस दुश्मन का नाम अब्दुल कादिर खान है, जो पाकिस्तान का एक परमाणु वैज्ञानिक था।

खान को पाकिस्तान के परमाणु बम का जनक कहा जाता है

खान (Abdul Qadeer Khan) ने ईरान को न सिर्फ सेंट्रीफ्यूज डिजाइन या पार्ट्स बेचे बल्कि उसने परमाणु बम का ब्लूप्रिंट भी बेचा। ईरान के हाथ में मानवता के व्यापक संहार का यह हथियार पहुंचाने का काम खान ने किया था। ईरान के परमाणु बम की दिशा में बड़ी प्रगति का दावा करने से पहले खान सबकुछ ईरान को बेच चुका था। उसे पाकिस्तानी बम का जनक कहा जाता है। खान ने यूरोप में मेटलर्जी और न्यूक्लियर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी।

खान ने परमाणु टेक्नोलॉजी का गुप्त नेटवर्क बना रखा था

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