मानसून की विदाई के बाद भी भारी बारिश ने देश के पड़ोसी राज्य नेपाल और पूर्वोत्तर भारत में जमकर तबाही मचाई है। रविवार (5 अक्टूबर 2025) को जारी आंकड़ों के मुताबिक, नेपाल में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश और भूस्खलन से कम से कम 51 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में भूस्खलन और पुल ढहने से 7 लोगों की जान चली गई। नेपाल के कई इलाकों में हालात गंभीर बने हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर दुख जताया। उन्होंने X (ट्विटर) पर लिखा, “नेपाल में भारी बारिश से हुई जनहानि और नुकसान बेहद दुखद है। भारत इस मुश्किल समय में नेपाल की जनता और सरकार के साथ खड़ा है।”
पीएम मोदी ने कही ये बात
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत एक मित्र पड़ोसी और पहले मदद करने वाले देश के रूप में नेपाल को हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।” सशस्त्र पुलिस बल (APF) के प्रवक्ता कालिदास धौबाजी ने बताया कि सबसे ज़्यादा नुकसान कोशी प्रांत के इलम जिले में हुआ है। यहां पिछले दो दिनों में हुए कई भूस्खलनों में 37 लोगों की जान चली गई है। हालात से निपटने के लिए राहत और बचाव कार्य जारी हैं।
नेपाल के इन इलाकों में मची भारी तबाही
नेशनल डिजास्टर एंड रिस्क रिडक्शन मैनेजमेंट (एनडीआरआरएमए) के मुताबिक, इलम जिले में हुई मौतों का सबसे ज़्यादा असर कई इलाकों में देखा गया है। बयान के अनुसार, देउमाई और मैजोगमाई नगरपालिकाओं में आठ-आठ लोगों की मौत हुई है। इलम नगरपालिका और संदकपुर ग्रामीण नगरपालिका में छह-छह लोगों की जान गई, जबकि सूर्योदय नगरपालिका में पांच, मंगसेबंग में तीन और फकफोकथुम गांव में एक व्यक्ति की मौत हुई है। अधिकारियों ने बताया कि राहत और बचाव कार्य लगातार जारी हैं और प्रभावित इलाकों में मदद पहुंचाई जा रही है।
कोशी प्रांत के अन्य इलाकों में भी भारी बारिश ने तबाही मचाई है। उदयपुर में दो लोगों की मौत हुई, जबकि पंचथर में बाढ़ और भूस्खलन से एक व्यक्ति की जान चली गई। रौतहाट में बिजली गिरने से तीन लोगों की मौत हुई और खोतांग में भी दो लोगों की जान गई। पंचथर में एक सड़क हादसे में छह लोगों की मौत हो गई, जिसका कारण तेज बारिश से सड़क का नुकसान बताया जा रहा है। राहत और बचाव टीमें अब भी कई लापता लोगों की तलाश कर रही हैं। रसुवा ज़िले के लांगटांग संरक्षण क्षेत्र में एक तेज़ बहाव वाली नदी में चार लोग बह गए। वहीं, इलम, बारा और काठमांडू में भी बाढ़ के चलते एक-एक व्यक्ति लापता बताया गया है।
कई लोग अब भी लापता
एपीएफ अधिकारियों ने बताया कि लांगटांग क्षेत्र में फंसे 16 ट्रेकर्स में से चार लोग अभी भी लापता हैं। उनकी तलाश जारी है। अधिकारियों ने खतरे वाले इलाकों में रहने वाले लोगों से अपने घर खाली करने और सतर्क रहने की अपील की है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में भारी बारिश जारी रह सकती है। भारी बारिश के कारण पूर्वी नेपाल में सड़कों, घरों और खेतों को भारी नुकसान पहुँचा है। राहत और बचाव अभियान लगातार चल रहा है। एपीएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें प्रभावित इलाकों में मदद पहुँचाने के लिए काम कर रही हैं। नेपाल सेना, नेपाल पुलिस और एपीएफ के जवान भी बचाव अभियान में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं, ताकि फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके और ज़रूरतमंदों तक राहत पहुंचाई जा सके।
सुरक्षाबलों ने हेलीकॉप्टर की मदद से इलम ज़िले से चार लोगों को सुरक्षित बचाया, जिनमें एक गर्भवती महिला भी शामिल थी। सभी को धरान नगरपालिका के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जानकारी के अनुसार, नेपाल के सात प्रांतों में से पाँच — कोशी, मधेश, बागमती, गंडकी और लुम्बिनी — में इस समय मानसून सक्रिय है और लगातार बारिश हो रही है। भारत ने इस आपदा के समय नेपाल की मदद करने की पेशकश की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “भारत नेपाल को हर संभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है।”
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