Get App

Gold या Platinum Card, अमेरिका में बसने के लिए कौन-सा रास्ता अधिक बेहतर? ये है पूरा प्रोसेस

अमेरिका में बसने के लिए दो रास्ते खुले हैं जिसमें से एक अभी पाइपलाइन में ही है। ट्रंप ने गोल्ड कार्ड और प्लेटिनम कार्ड का विकल्प पेश किया है। यहां इन दोनों कार्ड की खासियतों के बारे में बताया जा रहा है, इन्हें हासिल करने के तरीके के बारे में बताया जा रहा है और कौन-सा कार्ड अधिक बेहतर है, इसके बारे में बताया जा रहा है

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Sep 20, 2025 पर 2:18 PM
Gold या Platinum Card, अमेरिका में बसने के लिए कौन-सा रास्ता अधिक बेहतर? ये है पूरा प्रोसेस
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) ने अमीरों को अमेरिका में बसने का शानदार रास्ता खोला है। इसमें से एक गोल्ड कार्ड का रास्ता और दूसरा प्लेटिनम कार्ड का।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) ने अमीरों को अमेरिका में बसने का शानदार रास्ता खोला है। इसमें से एक गोल्ड कार्ड का रास्ता और दूसरा प्लेटिनम कार्ड का। हालांकि प्लेटिनम कार्ड वाले रास्ता की अभी योजना ही है। यहां इन दोनों कार्ड की खासियतों के बारे में बताया जा रहा है, इन्हें हासिल करने के तरीके के बारे में बताया जा रहा है और कौन-सा कार्ड अधिक बेहतर है, इसके बारे में बताया जा रहा है। हालांकि ध्यान दें कि गोल्ड और प्लेटनिम कार्ड को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं या वीजा की जरूरतों का पालन नहीं करने के चलते रद्द किजा सकता है। हालांकि अभी प्लेटिनम प्रोग्राम अभी आया नहीं है तो इसे लेकर और भी नियम सामने आ सकते हैं।

Trump Gold Card

ट्रंप सरकार ने गोल्ड कार्ड उनके लिए डिजाइन किया है जो अमेरिकी खजाने में $10 लाख यानी ₹880 करोड़ दे सकते हैं। बैकग्राउंड की जांच और होमलैंड सिक्योरिटी से मंजूरी मिलने के बाद ईबी-1 और ईबी-2 वीजा कैटेगरी के तहत स्थायी निवासी स्टेटस हासिल किया जा सकता है। ईबी-1 वीजा विज्ञान, कला, शिक्षा, बिजनेस या एथलेटिक्स में असाधारण क्षमता वालों को या किसी आउटस्टैंडिंग प्रोफेसर/रिसर्चर या मल्टीनेशनल मैनेजर/एग्जीक्यूटिव को मिलता है। वहीं ईबी-2 वीजा आमतौर पर अपनी फील्ड के महारथी लोगों को मिलता और इसमें एक एंप्लॉयर-स्पांसर्ड जॉब ऑफर की जरूरत पड़ती है।

कैसे अप्लाई करें: गोल्ड कार्ड के लिए आधिकारिक वेबसाइट trumpcard.gov पर जाकर एप्लीकेशन फॉर्म भरना होगा। फिर प्रोसेसिंग फीस भरनी होगी जो नॉन-रिफंडेबल होगी।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें