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ट्रंप के टैरिफ पाखंड का खुलासा! तेल बेचकर जितना पैसा कमा रहा रूस, उसमें 23% EU देशों की हिस्सेदारी, भारत का सिर्फ 13% हिस्सा

Trump Tarrif: सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि ह डेटा पश्चिम के उस "पाखंड" को उजागर करता है, जिसमें वह बार-बार रूस से तेल और एनर्ज की खरीद के लिए भारत को निशाना बना रहा है, जबकि वे अपने ही साथी देशों के बराबर या इससे भी ज्यादा की खरीदारी या सपोर्ट को नजरअंदाज कर रहा है

Curated By: Shubham Sharmaअपडेटेड Aug 07, 2025 पर 2:01 PM
ट्रंप के टैरिफ पाखंड का खुलासा! तेल बेचकर जितना पैसा कमा रहा रूस, उसमें 23% EU देशों की हिस्सेदारी, भारत का सिर्फ 13% हिस्सा
Trump Tarrif: ट्रंप के टैरिफ पाखंड का खुलासा! तेल बेचकर जितना पैसा कमा रहा रूस, उसमें 23% EU देशों की हिस्सेदारी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से इंपोर्ट होने वाले सामान पर पहले लगाए गए 25% टैरिफ के अलावा एक्स्ट्रा 25% टैरिफ और लगाने का आदेश भी दे दिया है, जिससे अब कुल टैरिफ 50% हो गया है। रूस से तेल खरीदने के चलते यह एडिशनल टैरिफ भारत पर लगाया है। लेकिन इस बीच एक ऐसी रिपोर्ट भी सामने आई है, जिसके आंकड़े ट्रंप प्रशासन के पाखंड को उजागर करते हैं। वैसे तो ट्रंप बार-बार कई मौकों पर ये दावे करते आए हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराया और पहलगाम हमले के बाद दोनों देशों के टकराव रोका, लेकिन खुद को 'शांति का दूत' बनाने में जुटे ट्रंप साहब पिछले करीब 6 महीने से खुद ही एकतरफा सबके खिलाफ टैरिफ वॉर छेड़े हुए हैं।

दरअसल फिनलैंड के सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) के ताजा आंकड़े बताते हैं जब से यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ है, तब से रूस से बिकने वाले फॉसिल फ्यूल, जैसे तेल, गैस, कोयला की कुल बिक्री में 23 प्रतिशत हिस्सा यूरोपीय संघ (European Union) के देशों का है, जबकि भारत का इसमें सिर्फ 13 प्रतिशत हिस्सा है।

इतना ही नहीं, वर्तमान में रूस के आधे से ज्यादा तेल शिपमेंट का ट्रांसपोर्टेशन G7+ टैंकरों के जरिए जा रहा है और G7 में सात बड़े देश है- अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम (UK)।

TOI की रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि ह डेटा पश्चिम के उस "पाखंड" को उजागर करता है, जिसमें वह बार-बार रूस से तेल और एनर्ज की खरीद के लिए भारत को निशाना बना रहा है, जबकि वे अपने ही साथी देशों के बराबर या इससे भी ज्यादा की खरीदारी या सपोर्ट को नजरअंदाज कर रहा है।

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