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Trump Tariff News: 'भारत को ट्रेड पार्टनर चुनने का अधिकार है'; ट्रंप की टैरिफ धमकी पर रूस का जोरदार पलटवार

Trump Tariff News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार (5 अगस्त) को चेतावनी देते हुए कहा था कि वह रूस से कच्चा तेल खरीदने की वजह से भारत पर अमेरिकी टैरिफ में खासी बढ़ोतरी करने जा रहे हैं। ट्रंप ने पिछले हफ्ते भारतीय सामानों के आयात पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने के साथ ही रूस से तेल एवं गैस खरीदने पर जुर्माना लगाने की भी घोषणा की थी

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Aug 05, 2025 पर 8:18 PM
Trump Tariff News: 'भारत को ट्रेड पार्टनर चुनने का अधिकार है'; ट्रंप की टैरिफ धमकी पर रूस का जोरदार पलटवार
Trump Tariff News: तेल की खरीद को लेकर US राष्ट्रपति ने भारत को टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी थी

Trump Tariff News: रूस ने मंगलवार (5 अगस्त) को कहा कि संप्रभु देशों को अपने हितों के आधार पर व्यापार और आर्थिक सहयोग में अपने साझेदार चुनने का अधिकार है। रूस ने यह बात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी के एक दिन बाद कही है। ट्रंप ने सोमवार (5 अगस्त) को चेतावनी देते हुए कहा था कि वह रूस से कच्चा तेल खरीदने की वजह से भारत पर अमेरिकी टैरिफ में खासी बढ़ोतरी करने जा रहे हैं। ट्रंप ने पिछले हफ्ते भारतीय सामानों के आयात पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने के साथ ही रूस से तेल एवं गैस खरीदने पर जुर्माना लगाने की भी घोषणा की थी।

रूस सरकार के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने भारत के संबंध में अमेरिका की चेतावनियों पर टिप्पणी करते हुए पत्रकारों से कहा, "हमारा मानना है कि संप्रभु देशों को अपने हितों के आधार पर ट्रेड पार्टनर, व्यापार और आर्थिक सहयोग में साझेदार स्वयं चुनने और स्वतंत्र रूप से व्यापार और आर्थिक सहयोग के तरीकों को निर्धारित करने का अधिकार होना चाहिए।"

राष्ट्रपति ट्रंप ने सोमवार को कहा था कि वह भारत पर अमेरिकी शुल्क में ‘खासी’ बढ़ोतरी करेंगे। उन्होंने भारत पर भारी मात्रा में रूसी तेल खरीदने और उसे बड़े मुनाफे पर बेचने का आरोप भी लगाया था। ट्रंप के बयान के कुछ ही घंटों बाद भारत ने रूस से कच्चे तेल की खरीद के लिए उसे अनुचित और अविवेकपूर्ण तरीके से निशाना बनाने को लेकर अमेरिका और यूरोपीय संघ पर पलटवार किया।

भारत ने आलोचना को पुरजोर तरीके खारिज करते हुए अमेरिका और यूरोपीय संघ के रूस के साथ जारी व्यापारिक संबंधों की ओर ध्यान दिलाते हुए दोहरे मानदंड अपनाने की बात कही। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत, रूस से जो आयात करता है, उसका उद्देश्य भारतीय उपभोक्ताओं के लिए ऊर्जा की लागत को किफायती बनाए रखना है।

बयान में कहा गया, "ये (आयात) एक आवश्यकता है, जो वैश्विक बाजार की स्थिति के कारण मजबूरी बन गई है। हालांकि, यह बात उजागर हो रही है कि भारत की आलोचना करने वाले देश स्वयं रूस के साथ व्यापार में शामिल हैं।" इसमें कहा गया, "हमारे मामले के विपरीत, ऐसा व्यापार कोई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय बाध्यता भी नहीं है।"

विदेश मंत्रालय ने कहा कि यूरोप-रूस व्यापार में न केवल ऊर्जा, बल्कि उर्वरक, खनन उत्पाद, रसायन, लोहा और इस्पात तथा मशीनरी और परिवहन उपकरण भी शामिल हैं। मंत्रालय ने कहा, "जहां तक अमेरिका का सवाल है, वह अपने परमाणु उद्योग के लिए रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, अपने EV इंडस्ट्री के लिए पैलेडियम, उर्वरक और रसायनों का आयात जारी रखे हुए है।"

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