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US vs China Tariff War: टैरिफ वार की आंच होगी कम! चीन ने दिया पहली बार दिया सुलह का संकेत

US vs China Tariff War: अमेरिका में एक बार फिर डोनाल्ड ट्रंप की सरकार बनने के बाद से अमेरिका और चीन के बीच तनातनी बढ़ गई है। कारोबारी जंग में दोनों में से कोई भी देश पीछे नहीं हट रहा है। पिछले महीने जब से ट्रंप ने चीन पर टैरिफ रेट बढ़ाया है, उसके बाद से अब जाकर चीन ने कारोबारी बातचीत का पहला संकेत दिया है

Edited By: Jeevan Deep Vishawakarmaअपडेटेड May 02, 2025 पर 10:04 AM
US vs China Tariff War: टैरिफ वार की आंच होगी कम! चीन ने दिया पहली बार दिया सुलह का संकेत
US vs China Tariff War: चीन का कहना है कि वह अमेरिका के साथ कारोबारी बातचीत की संभावनाओं का मूल्याकंन कर रहा है।

US vs China Tariff War: चीन का कहना है कि वह अमेरिका के साथ कारोबारी बातचीत की संभावनाओं का मूल्याकंन कर रहा है। पिछले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की तरफ से टैरिफ बढ़ाने के ऐलान के बाद से पहली बार चीन ने कारोबारी बातचीत के संकेत दिए हैं। चीन के कॉमर्स मिनिस्ट्री ने शुक्रवार को कहा कि उसने अमेरिका के सीनियर अधिकारियों की तरफ से चीन से टैरिफ के बारे में बातचीत की इच्छा पर गौर किया है और अधिकारियों से चीन को लेकर ईमानदारी दिखाने का आग्रह किया गया है। चीन की कॉमर्स मिनिस्ट्री मे कहा कि अमेरिका ने हाल ही में कई संदेश भेजे हैं जिससे चीन के साथ बातचीत शुरू होने की उम्मीद है। अब चीन इसका मूल्यांकन कर रहा है।

चीन के कदम का मार्केट ने किया स्वागत

कॉमर्स मिनिस्ट्री के बयान से संकेत मिल रहा है कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच स्थिति सुधर सकती है। इससे पहले ट्रम्प ने अमेरिकी टैरिफ को 100 साल के रिकॉर्ड हाई तक बढ़ा दिया और चीन ने भी पीछे हटने की बजाय जवाबी टैरिफ लगाया। अब चीन के कॉमर्स मिनिस्ट्री ने कारोबारी बातचीत का संकेत दिया तो मार्केट ने इसका स्वागत किया। S&P 500 इंडेक्स पर फ्यूचर्स की शुरुआती गिरावट खत्म हो गई तो शेयरों में भी हरियाली लौट आई। ऑफशोर युआन और चाइना प्रॉक्सी ऑस्ट्रेलिया डॉलर भी मजबूत हो गया।

हालांकि यूनाइटेड ओवरसीज बैंक लिमिटेड के अर्थशास्त्री वोई चेन हो (Woei Chen Ho) ने कहा कि चीन पर जो हाई रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया गया है, वह टिकाऊ नहीं है, तो ऐसे में बाजार को उम्मीद है कि अमेरिका और चीन किसी बिंदु पर बातचीत शुरू करेंगे। हालांकि उनका यह भी कहना है कि बातचीत की शुरुआत से बाजार में फिर से अस्थिरता आने की संभावना है क्योंकि यह आसान होने की उम्मीद नहीं है।

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