राजस्थान के नागौर में अब किसान सिर्फ गेहूं, ज्वार या मूंग जैसी पारंपरिक फसलों तक सीमित नहीं रह रहे हैं। वे सर्दियों में मूली की खेती कर अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सही समय पर बुवाई की जाए, मिट्टी की तैयारी ठीक से हो और संतुलित मात्रा में खाद (जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम) डाली जाए, तो मूली की पैदावार में 25-30% तक बढ़ोतरी संभव है। साथ ही, किसान अगर नीम, गाय का मूत्र और कुछ घर में बनने वाले जैविक कीटनाशक का इस्तेमाल करें, तो कीट-पतंगों से भी फसल सुरक्षित रहती है।
