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Budget 2025: टैक्स रेट्स, एग्जेम्प्शन और डिडक्शन में बदलाव से इनकम टैक्सपेयर्स पर कम हो सकता है टैक्स का बोझ

Budget 2025: सरकार को अपने खर्च के लिए टैक्स से पैसे जुटाने पड़ते हैं। ऐसे में टैक्स में ज्यादा कमी करने की गुंजाइश सरकार के पास नहीं होती है। लेकिन, सरकार इनकम टैक्स के रेट्स, डिडक्शन और एग्जेम्प्शन में बदलाव कर इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दे सकती है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jan 29, 2025 पर 12:22 PM
Budget 2025: टैक्स रेट्स, एग्जेम्प्शन और डिडक्शन में बदलाव से इनकम टैक्सपेयर्स पर कम हो सकता है टैक्स का बोझ
सरकार ने 2020 में इनकम टैक्स की नई रीजीम की शुरुआत की थी।

यूनियन बजट 2025 पेश होने की तारीख नजदीक आ गई है। नजरें वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के ऐलान पर लगी हैं। यूनियन बजट में सरकार जिन उपायों और फैसलों का ऐलान करेगी, उनका असर अगले वित्त वर्ष में इनकम टैक्स के नियमों और सरकार की वित्तीय स्थिति पर पड़ेगा। उम्मीद है कि बजट में इकोनॉमिक ग्रोथ बढ़ाने, लोगों की खर्च करने वाली आय बढ़ाने और कंजम्प्शन को बढ़ावा देने के उपाय शामिल होंगे। हम यहां इंडिविजुअल इनकम टैक्सपेयर्स से जुड़े कुछ नियमों में बदलाव के बारे में बता रहे हैं, जिनका ऐलान यूनियन बजट में हो सकता है।

1. टैक्स के मौजूदा नियम

अभी इनकम टैक्स की नई रीजीम में 7,75,000 और पुरानी रीजीम में 7,50,000 रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं चुकना पड़ता है। नीचे टेबल में इस बारे में कैलकुलेशन दिया गया है। पिछले पांच सालों में इनकम टैक्स की नई रीजीम में बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट को सिर्फ एक बार बढ़ाया गया है। इसे 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये किया गया है।

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