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Budget 2025: मनमोहन सिंह ने इंडिया को श्रीलंका जैसी स्थिति में जाने से रोक लिया था

मनमोहन सिंह के रिफॉर्म्स का काफी ज्यादा असर देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर देखने को मिला। एक साल में विदेशी मुद्रा भंडार दोगुना हो गया। करीब 10 साल यानी 2001-02 तक यह छह गुना (54 अरब डॉलर) हो गया। उन्होंने इंडिया को उस बड़ी क्राइसिस में जाने से रोक लिया था, जैसी क्राइसिस में 2022 में श्रीलंका जाने को मजबूर हो गया

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 28, 2024 पर 12:50 PM
Budget 2025: मनमोहन सिंह ने इंडिया को श्रीलंका जैसी स्थिति में जाने से रोक लिया था
मनमोहन सिंह ने वित्त वर्ष 1991-92 का पूर्ण बजट 24 जुलाई, 1991 को पेश किया। इस बजट ने भारत की तेज आर्थिक ग्रोथ के लिए जमीन तैयार कर दी।

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने 1991 का पूर्ण यूनियन बजट पेश किया था। इस बजट की आज भी काफी चर्चा होती है। सवाल है कि आखिर इस बजट में ऐसा क्या था? तब देश की राजनीतिक स्थितियां कैसी थीं? तब भारत किस तरह की आर्थिक स्थिति से गुजर रहा था? इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ कितनी थी?

राजीव गांधी की हत्या के बाद बनी थी नरसिम्हा राव की सरकार

1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या लोकसभा चुनावों के बीच हो गई थी। चुनावों में कांग्रेस को सबसे ज्यादा सीटें मिली थीं। नरसिम्हा राव के नेतृत्व में कांग्रेस की अल्पमत सरकार बनी थी। इस सरकार के वित्त मंत्री डॉ मनमोहन सिंह थे। उन्होंने वित्त वर्ष 1991-92 का पूर्ण बजट 24 जुलाई, 1991 को पेश किया। इस बजट ने भारत की तेज आर्थिक ग्रोथ के लिए जमीन तैयार कर दी। इससे पहले इंडिया की ग्रोथ काफी सुस्त थी। लेकिन, मनमोहन सिंह के पहले बजट ने बीमार इकोनॉमी को ऐसी दवा दी, जिसका असर आज तक दिख रहा है।

जंजीरों में बंधी इकोनॉमी को बाहर निकाला

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