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Union Budget 2025: इस साल 32% महंगी हुई चाय, क्या निर्मला सीतारमण कीमतों में कमी के उपाय करेंगी?

इस साल चाय की कीमतों में तेजी की वजह इसका कम उत्पादन है। मौसम की खराब स्थितियों का असर चाय की फसल पर पड़ा है। चाय की काफी फसल खराब हो गई है। चाय का उत्पादन मुख्य रूप से असम, पश्चिम बंगाल सहित उत्तर-पूर्वी राज्यों में होता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 23, 2024 पर 3:28 PM
Union Budget 2025: इस साल 32% महंगी हुई चाय, क्या निर्मला सीतारमण कीमतों में कमी के उपाय करेंगी?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि चूंकि चाय आम आदमी से जुड़ा पेय है, जिससे सरकार देश में चाय की सप्लाई बढ़ाने के उपाय कर सकती है।

चाय आम आदमी से दूर होती जा रही है। इसकी वजह 2024 में इसकी कीमतों में 32 फीसदी उछाल है। महंगी चाय का असर लोगों के बजट पर पड़ा है। कई परिवार अब चार की जगह दिन में दो या तीन बार ही चाय पी रहे हैं। इंडिया में अमीर-गरीब हर आदमी चाय का शौकीन है। उम्मीद है कि 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में वित्तमंत्री चाय को आम आदमी की पहुंच में लाने के लिए कुछ उपायों का ऐलान करेंगी। इससे बड़ी संख्या में लोगों को राहत मिलेगी।

चाय की फसल पर खराब मौसम का असर

एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस साल चाय (Tea) की कीमतों में तेजी की वजह इसका कम उत्पादन है। मौसम की खराब स्थितियों का असर चाय की फसल पर पड़ा है। चाय की काफी फसल खराब हो गई है। चाय का उत्पादन मुख्य रूप से असम, पश्चिम बंगाल सहित उत्तर-पूर्वी राज्यों में होता है। देश के दक्षिणी हिस्से में भी चाय का उत्पादन होता है। इंडिया दुनिया में चाय का सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाले देशों में शामिल है। चाय के उत्पादन में चीन पहले पायदान पर है। इंडिया दूसरे नंबर पर है।

उत्पादन 12 करोड़ किलो कम रह सकता है

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