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Budget 2025: क्या है फिस्कल डेफिसिट, क्या इसके बढ़ने का असर आप पर भी पड़ता है?

सरकार को एक वित्त वर्ष में जितनी इनकम होती है और जितना वह खर्च करती है, उसके बीच के फर्क को फिस्कल डेफिसिट कहा जाता है। फिस्कल डेफिसिट जितना कम होता है, उतना अच्छा माना जाता है। सरकार के फिस्कल डेफिसिट का असर आम आदमी पर भी पड़ता है। लेकिन, यह असर अप्रत्यक्ष रूप से पड़ता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 24, 2024 पर 1:14 PM
Budget 2025: क्या है फिस्कल डेफिसिट, क्या इसके बढ़ने का असर आप पर भी पड़ता है?
सरकार ने FY25 में फिस्कल डेफिसिट के लिए 4.9 फीसदी का टारगेट तय किया है।

हर साल बजट पेश होने से पहले फिस्कल डेफिसिट को लेकर चर्चा बढ़ जाती है। इसकी वजह यह है कि सरकार अगले वित्त वर्ष में फिस्कल डेफिसिट के अपने अनुमान के बारे में बताती है। सरकार यह भी बताती है कि मौजूदा वित्त वर्ष के लिए उसने फिस्कल डेफिसिट का जो अनुमान तय किया था, उसके पूरे होने की कितनी संभावना है। सरकार के अगले वित्त वर्ष के फिस्कल डेफिसिट के अनुमान का असर स्टॉक मार्केट्स पर भी पड़ता है। आखिर क्या है यह फिस्कल डेफिसिट, यह इकोनॉमी के लिए कितना अहम है, बजट में इसकी क्यों इतनी ज्यादा चर्चा होती है? आइए इन सवालों के जवाब जानने की कोशिश करते हैं।

क्या है फिस्कल डेफिसिट?

सरकार को एक वित्त वर्ष में जितनी इनकम होती है और जितना वह खर्च करती है, उसके बीच के फर्क को फिस्कल डेफिसिट (Fiscal Deficit) कहा जाता है। फिस्कल डेफिसिट जितना कम होता है, उतना अच्छा माना जाता है। आम तौर पर विकासशील देशों के बजट में फिस्कल डेफिसिट ज्यादा होता है। इसकी वजह यह है कि सरकार को अपनी इनकम के मुकाबले ज्यादा खर्च करना पड़ता है। इंडिया में भी सरकार का फिस्कल डेफिसिट ज्यादा है। हालांकि, सरकार लगातार इसमें कमी लाने की कोशिश कर रही है।

फिस्कल डेफिसिट का टारगेट कितना है?

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