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GST reforms :अमेज़न-फ्लिपकार्ट फेस्टिव सेल प्लान को अंतिम रूप देने से पहले GST पर सरकार का रुख साफ होने का कर रहे इंतजार

GST reforms : त्योहारी सेल से पहले, जीएसटी में संभावित कटौती की उम्मीद के चलते, खरीदार बड़ी खरीदारी टाल रहे हैं। विश्लेषकों का कहना है कि टैक्स में स्पष्टता की कमी के कारण बिक्री दूसरे चैनलों की और शिफ्ट हो सकती है

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 28, 2025 पर 2:10 PM
GST reforms :अमेज़न-फ्लिपकार्ट फेस्टिव सेल प्लान को अंतिम रूप देने से पहले GST  पर सरकार का रुख साफ होने का कर रहे इंतजार
त्योहारी सीज़न के दौरान किसी परेशानी से बचने के लिए कुछ प्लेटफ़ॉर्म जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले ही सरकार से प्रस्तावित कटौती लागू करने की मांग कर रहे हैं

GST reforms : भारत के सबसे बड़े ऑनलाइन रिटेलर अपनी धमाकेदार त्योहारी सेल से कुछ हफ़्ते पहले एक अजीब तरह की दुविधा में हैं। उनकी दुविधा ये है कि वे तय समय पर अपना त्योहारी सेल लॉन्च करें या 3-4 सितंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक से इस मुद्दे पर आने वाली स्पष्टता का इंतज़ार करें। अप्लाएंसेज और फ़र्नीचर जैसी महंगी वस्तुओं के 28 फीसदी जीएसटी स्लैब में बदलाव की उम्मीद है। यह ऐसी कटेगरी हैं जिसमें त्योहारी सीज़न के दौरान सबसे ज्यादा खरीदारी होती है।

वर्तमान में जीएसटी के चार स्लैब है। ये 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत स्लैब। केंद्र ने 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की एक सरल दो दरीय प्रणाली का प्रस्ताव रखा है। इससे महंगी वस्तुओं की कीमतों में बड़ा बदलाव आ सकता है। फ्लिपकार्ट और अमेज़न जैसे प्लेटफॉर्म बिग बिलियन डेज़ (बीबीडी) और ग्रेट इंडियन फेस्टिवल (जीआईएफ) जैसे त्योहारी ऑफर लेकर आते हैं। ये ऑफर आमतौर पर सितंबर के मध्य में शुरू होते हैं और इन कंपनियों की सालाना कमाई में लगभग एक चौथाई योगदान करते हैं। ये कंपनियां अब इस बात की समीक्षा कर रही हैं कि क्या बड़े टिकट वाले सामानों पर जीएसटी दरों में बदलाव इस साल की इनकी योजनाओं को प्रभावित कर सकती हैं।

महत्वपूर्ण त्योहारी सीज़न के दौरान किसी परेशानी से बचने के लिए ( खासकर महंगी कटेगरी में) कुछ प्लेटफ़ॉर्म जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले ही सरकार से प्रस्तावित कटौती लागू करने की मांग कर रहे हैं। कंपनियां यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि क्या आगामी जीएसटी काउंसिल की बैठक में बदलावों पर विचार किया जाएगा और उन्हें कितनी जल्दी लागू किया जाएगा। मामले की जानकारी रखन वाले सूत्रों का कहना है कि एक बड़ा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म शीघ्र स्पष्टता के लिए नीति निर्माताओं के साथ सक्रिय रूप से संपर्क में है।

 

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