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स्कूल-कॉलेज में अब प्राचीन आयुर्वेद की पढ़ाई करेंगे छात्र, नया सिलेबस तैयार, जानें- सभी डिटेल्स

Education News: भारत सरकार ने स्कूल-कॉलेज में प्राचीन आयुर्वेद को शामिल करने की घोषणा की है। NCERT और UGC ने स्कूल और हायर एजुकेशन में इसे जोड़ने की तैयारी की है। नए सिलेबस पर काम जारी है। आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने इसकी पूरी डिटेल्स जानकारी दी है

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Sep 29, 2025 पर 8:26 PM
स्कूल-कॉलेज में अब प्राचीन आयुर्वेद की पढ़ाई करेंगे छात्र, नया सिलेबस तैयार, जानें- सभी डिटेल्स
Education News: स्कूल-कॉलेज में अब आयुर्वेद कोर्स को शामिल करने का फैसला लिया गया है

Ayurveda into health education: स्कूल-कॉलेज में अब जल्द ही छात्र भारत के प्राचीन आयुर्वेद की भी पढ़ाई करते नजर आएंगे। भारत सरकार ने स्कूल-कॉलेज में प्राचीन आयुर्वेद को शामिल करने की घोषणा की है। फिलहाल, NCERT और UGC ने स्कूल और हायर एजुकेशन में इसे जोड़ने की तैयारी की है। नए सिलेबस पर काम जारी है। आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि सरकार का लक्ष्य आयुर्वेद को स्कूलों और कॉलेजों के हेल्थ एजुकेशन करिकुलम में शामिल करना है।

जाधव ने कहा कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) साथ मिलकर स्कूल और हायर एजुकेशन के लिए कोर्स मॉड्यूल तैयार कर रहे हैं। ताकि युवा पीढ़ी समग्र स्वास्थ्य के सिद्धांतों से जुड़ सके। उन्होंने बताया कि गोवा, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश जैसे कुछ राज्यों ने स्कूली शिक्षा में भारतीय ज्ञान प्रणाली को पहले ही शामिल कर लिया है।

मंत्री ने हाल में न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया, "स्कूल और हायर एजुकेशन के लिए कोर्स मॉड्यूल तैयार करने के संबंध में NCERT (National Council of Educational Research and Training) और UGC (University Grants Commission) के साथ चर्चा चल रही है।" आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने के प्रयासों पर जाधव ने कहा कि आयुष मंत्रालय साक्ष्य आधारित अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (CCRAS) और अन्य शोध संस्थानों के माध्यम से उच्च-गुणवत्ता वाले क्लिनिकल ट्रायल्स किए जा रहे हैं। जाधव ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ साझेदारी में आयुर्वेदिक इलाजों की वैज्ञानिक विश्वसनीयता को और मजबूत करने के लिए मानक निर्धारित किए जा रहे हैं।

जाधव ने कहा कि हमारा लक्ष्य एक इंटीग्रेटेड हेल्थकेयर मॉडल विकसित करना है। उन्होंने कहा, "एलोपैथी और आयुष सिस्टम एक-दूसरे की पूरक हैं... प्रतिस्पर्धी नहीं। राष्ट्रीय आयुष मिशन और आयुष ग्रिड के माध्यम से हम बेहतर और अधिक व्यापक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए दोनों सिस्टम के लाभों को एक साथ जोड़ने की दिशा में काम कर रहे हैं।"

पब्लिक हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की सरकार की नीति के तहत राष्ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुलभ बनाने के लिए विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों में डॉक्टरों को तैनात किया जा रहा है।

आयुष मंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में आयुष मंत्रालय ने भारत की पारंपरिक मेडिकल पद्धतियों को नई पहचान दी है। उन्होंने कहा, "हमने न केवल वैज्ञानिक प्रमाणों के साथ आयुष प्रणालियों की स्थापना की है। बल्कि उन्हें जन-जन तक पहुंचाने और वैश्विक स्वीकृति दिलाने में भी सफलता प्राप्त की है।"

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