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UP Board Answer Sheet Redesign: नए डिजाइन की आंसर शीट से 10वीं-12वीं की परीक्षाओं में नकल रोकने की तैयारी, जानें यूपी बोर्ड के इस बड़े बदलाव के बारे में

UP Board Answer Sheet Redesign: यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षा में नकल पर लगाम कसने के लिए बोर्ड ने नए डिजाइन की उत्तर पुस्तिकाएं तैयार करने के निर्देश दिए हैं। बोर्ड का यह प्रयास नकल माफियाओं को इस बार परीक्षा से पूरी तरह दूर रखने का है। आइए जानें

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 06, 2025 पर 6:49 PM
UP Board Answer Sheet Redesign: नए डिजाइन की आंसर शीट से 10वीं-12वीं की परीक्षाओं में नकल रोकने की तैयारी, जानें यूपी बोर्ड के इस बड़े बदलाव के बारे में
बोर्ड ने उत्तर पुस्तिका को बिलकुल नए तरह से डिजाइन किया है।

UP Board Answer Sheet Redesign: माध्यमिक शिक्षा बोर्ड उत्तर प्रदेश 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षा की तैयारियों में लगा हुआ है। परीक्षा की तारीखें घोषित की जा चुकी हैं, परीक्षा केंद्रों को लेकर प्रक्रिया अंतिम चरण में है। एशिया के सबसे बड़े बोर्ड के तौर पर जाने जाने वाले यूपी बोर्ड इस बार नकल माफिया को बोर्ड परीक्षाओं से पूरी तरह दूर रखने के लिए हर तरह के प्रयास कर रहा है।

शैक्षिक सत्र 2025-26 में कक्षा 10 और कक्षा 12 के बोर्ड परीक्षाएं 18 फरवरी से 12 मार्च के बीच होंगी। इसे नकल मुक्त बनाने के लिए बोर्ड ने हाई स्कूल और इंटरमीडिएट दोनों परीक्षाओं की आंसर शीट में बड़े पैमाने पर बदलाव किया है। बोर्ड ने उत्तर पुस्तिका को बिलकुल नए तरह से डिजाइन किया है। बोर्ड के सौ साल के इतिहास में पहली बार ऐसा कदम उठाया जा रहा है, जिसमें नकल माफिया को रोकने के लिए इतना बड़ा बदलाव किया गया है।

यूपी बोर्ड सेक्रेटरी भगवती सिंह के मुताबिक, ‘आंसर शीट का लेआउट पूरी तरह से बदल दिया गया है। इससे आंसर शीट एक्सचेंज होने की आशंका पूरी तरह खत्म हो जाएगी।’ इस साल आयोजित होने वाली बोर्ड परीक्षा में 10वीं और 12वीं कक्षा के 52 लाख से ज्यादा छात्र पंजीकृत हैं। इनमें हाई स्कूल के लिए 27,50,945 और इंटरमीडिएट के लिए 24,79,352 छात्र हैं। परीक्षा से ठीक पहले जनवरी में लगभग 2.6 करोड़ उत्तर पुस्तिकाएं प्रिंट करके जिलों में बांटी जाएंगी।

क्या है नकल रोकने का नया सुरक्षा फीचर?

पहले छात्रों की उत्तर पुस्तिकाएं जहां लैंडस्केप फॉर्मेट में होती हैं, वहीं अब ये पोर्ट्रेट फॉर्मेट में होंगी। रंग और पेजों की संख्या में भी बदलाव किया है, जिससे हर तरह की कॉपी को पहचानना आसान और कॉपी करना मुश्किल हो गया है। हर पेज पर सेकेंडरी एजुकेशन काउंसिल का मोनोग्राम है, जिससे कॉपी करना और बदलना लगभग नामुमकिन हो गया है। खास प्रिंटिंग प्रोसेस का मतलब है कि प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी और रामपुर जिलों में मंजूर सरकारी प्रेस के बाहर कोई भी प्रेस या परीक्षा माफिया इन आंसर शीट को दोबारा नहीं बना सकता है। यह कदम परीक्षा प्रक्रिया की ईमानदारी को और सुरक्षित रखने के लिए बनाया गया है।

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