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Bihar Election 2025: JDU से तीन बार विधायक रह चुकी मीना द्विवेदी जन सुराज में हुईं शामिल, प्रशांत किशोर को मिली बड़ी ताकत!

Bihar Election 2025: मीना द्विवेदी ने जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर से मुलाकात की और पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। प्रशांत किशोर ने उन्हें और उनके समर्थकों को पीला गमछा पहनाकर पार्टी में स्वागत किया। इस दौरान JDU के जिला और प्रखंड स्तर के कई पदाधिकारी भी जन सुराज में शामिल हुए

Suresh Kumarअपडेटेड Sep 18, 2025 पर 1:13 PM
Bihar Election 2025: JDU से तीन बार विधायक रह चुकी मीना द्विवेदी जन सुराज में हुईं शामिल, प्रशांत किशोर को मिली बड़ी ताकत!
JDU से तीन बार विधायक रह चुकी मीना द्विवेदी जन सुराज में हुई शामिल, प्रशांत किशोर को मिली बड़ी ताकत!

बिहार की राजनीति में इन दिनों हलचल तेज़ है। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले लगातार नेताओं का पार्टी बदलना जारी है। इस बीच बुधवार, 17 सितंबर को पूर्वी चंपारण जिले की दिग्गज नेत्री और JDU से तीन बार विधायक रह चुकीं मीना द्विवेदी अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ जन सुराज पार्टी में शामिल हो गईं है।

मीना द्विवेदी ने जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर से मुलाकात की और पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। प्रशांत किशोर ने उन्हें और उनके समर्थकों को पीला गमछा पहनाकर पार्टी में स्वागत किया। इस दौरान JDU के जिला और प्रखंड स्तर के कई पदाधिकारी भी जन सुराज में शामिल हुए।

मीना द्विवेदी का नाम पूर्वी चंपारण की राजनीति में किसी परिचय का मोहताज नहीं है। वह एक बड़े राजनीतिक परिवार से आती हैं। साल 1995 में उनके देवर देवेंद्र नाथ दुबे ने समता पार्टी से चुनाव लड़कर विधायक बने थे। वहीं 1998 के उपचुनाव में उनके पति भूपेंद्र नाथ दुबे विधायक बने। इसके बाद 2005 के फरवरी और नवंबर विधानसभा चुनावों के साथ-साथ 2010 में हुए चुनाव में मीना द्विवेदी खुद JDU से विधायक चुनी गईं। इस तरह उनका परिवार तीन दशकों से लगातार सक्रिय राजनीति में रहा है।

हाल ही में इससे पहले भी कई नेता जन सुराज पार्टी का दामन थाम चुके हैं। वरिष्ठ जनसुराजी नेता डॉ. एस. पांडे के आवास पर आयोजित मिलन समारोह में RJD नेता और जिला परिषद सदस्य राजेश राम, संतोष यादव समेत दर्जनों लोगों ने जन सुराज की सदस्यता ग्रहण की थी। इस मौके पर अध्यक्षता करते हुए डॉ. पांडे ने कहा था कि प्रशांत किशोर के विचार और उनकी साफ-सुथरी राजनीति से प्रभावित होकर अलग-अलग दलों के नेता और कार्यकर्ता लगातार जन सुराज से जुड़ रहे हैं।

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