Odisha Assembly Chunav 2024: भारतीय जनता पार्टी ने 2029 तक 3.5 लाख नौकरियां देने का वादा किया और कहा कि वह दो साल के अंदर 65,000 खाली सरकारी पदों को पारदर्शी तरीके से भरेगी। यह भी वादा किया है कि वह चिट-फंड कंपनियों में निवेश करने वाले उन सभी लोगों के पैसे 18 महीने के अंदर वापस कर देगी, जिनका पैसा लुट गया है
Bihar Election 2025: GST में बदलाव के साथ अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए उन अल्पसंख्यकों को राहत दी गई है, जो 31 दिसंबर 2024 से पहले बिना वैध कागजात भारत आए थे। अब उन्हें Immigration और Foreigners Act, 2025 के तहत मुकदमे से छूट मिलेगी। इस फैसले से बीजेपी का "हिंदू सुरक्षा" वाला सीमाई नैरेटिव और मजबूत हुआ है
Bihar Election 2025: 24 जून को कैबिनेट ने फैसला किया कि बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों की मासिक पेंशन 400 रुपए से बढ़ाकर 1,100 रुपए कर दी जाएगी। 11 जुलाई को इस बढ़ी हुई पेंशन की पहली किस्त, जो कुल 1,227 करोड़ रुपए से ज्यादा थी, सीधे 1.11 करोड़ लोगों के खातों में भेजी गई। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इन पेंशन पाने वालों में लगभग 54.5% महिलाएं हैं
Bihar Vidhansabha Chunav 2025: पटना पश्चिम (आज की बांकीपुर सीट) से तत्कालीन मुख्यमंत्री कृष्ण बल्लभ सहाय चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें निर्दलीय उम्मीदवार महामाया प्रसाद सिन्हा ने बड़े अंतर से हरा दिया। इस जीत के बाद महामाया बाबू अचानक ही सुर्खियों में आ गए और विपक्षी दलों के समर्थन से बिहार के पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री बने
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 इस साल के अंत में होने की उम्मीद है। चुनाव आयोग द्वारा इस चुनाव का आयोजन अक्टूबर-नवंबर 2025 में किया जाना संभावित है।
1951 से बिहार में विधानसभा चुनाव की शुरुआत हुई थी। इसके बाद से 2025 तक बिहार में 17 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। साल 2020 में सूबे में तीन चरण में मतदान हुए था, जो 28 अक्टूबर से 7 नवंबर तक चला था। वहीं इस चुनाव के नतीजे 10 नवंबर को आए थे।
बिहार विधानसभा में 243 सीट हैं। बिहार में 38 विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं, वहीं 2 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।
बिहार विधानसभा में मौजूदा नंबर गेम की बात करें, तो फिलहाल इनमें बीजेपी के पास 80, राजद के पास 77, जदयू के पास 45, कांग्रेस के पास 19, भाकपा माले के पास 11, हम के पास 4, माकपा के पास 2, भाकपा के पास 2, एआईएमआईएम के पास 1 और 2 निर्दलीय विधायक हैं।
इस चुनाव में प्रमुख दल - राष्ट्रीय जनता दल (राजद), जनता दल (यूनाइटेड), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस और अन्य क्षेत्रीय पार्टियां आमने-सामने हैं। वहीं इस बार चुनाव में प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी अपनी किस्मत आजमाने जा रही है।
विधानसभा चुनाव राज्य विधायिका सभा या विधान सभा के सदस्यों का चयन करने के लिए होते हैं। जो उम्मीदवार राज्य चुनाव जीतता है, उसे विधान सभा का सदस्य (MLA) कहा जाता है। एमएलए को 5 साल तक या तब तक सीट पर बनाए रखा जाता है जब तक कि गवर्नर इस पर कोई फैसला नहीं लेता।
राज्यों में विधानसभा चुनाव हर 5 साल पर होती है। लेकिन अगर कोई विधानसभा अल्पमत में आने या किसी और वजह से सरकार गिर जाती है तो बीच में भी विधानसभा चुनाव कराए जाते हैं।
भारत में विधानसभा चुनावों के लिए निर्वाचन क्षेत्रों का निर्धारण जनसंख्या, भौगोलिक विशेषताओं, और प्रशासनिक सुविधाओं के आधार पर किया जाता है। निर्वाचन आयोग, जो स्वतंत्र होता है, नियमित अंतरालों पर नए और पुनः प्रारूपित निर्वाचन क्षेत्रों की सीमाएं तय करता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में लगभग समान संख्या में मतदाताओं का प्रतिनिधित्व हो।
भारत में विधानसभा चुनावों में वोट डालने के लिए कम से कम 18 साल की उम्र होनी चाहिए। जो जिस निर्वाचन क्षेत्र का निवासी होगा वो अपने क्षेत्र में ही वोट डाल पाएगा। किसी भी कानूनी कारणों जैसे मानसिक असंतुलन, कुछ अपराधों के लिए सजा या निर्वासन के कारण, वोटिंग से अयोग्य होने पर वोट डालने का अधिकार नहीं है। वोट डालने के लिए आपके पास वोटर कार्ड होना जरूरी है।
ओडिशा में, यह बीजेडी बनाम भाजपा का दोहराव होगा, जहां मुख्यमंत्री नवीन पटनायक शक्ति में अपने छठे अनुक्रमिक कार्यकाल की रिकॉर्ड तोड़ने की उम्मीद है। हालांकि, भाजपा राज्य में बड़े लाभ की दिशा में है और अपनी देशव्यापी उपस्थिति के बढ़ते दबाव के बीच, पटनायक को एक मुश्किल चुनौती का सामना है। अरुणाचल प्रदेश में, भाजपा शक्ति में अपना काबू बनाए रखने की कोशिश कर रही है, जबकि सिक्किम में, यह सत्तारूढ़ SKM और विपक्षी SDF के बीच जबरदस्त टक्कर होगी।