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Manoj Kumar Death: ‘पूरब और पश्चिम’ का सितारा अस्त, कहानी हरिकिशन गोस्वामी के 'भारत कुमार' बनने की

Manoj Kumar Death: जब भी देशभक्ति फिल्मों की बात होगी, मनोज कुमार का नाम सबसे पहले आएागा। उन्होंने देशभक्ति को सिर्फ परदे पर नहीं, दिलों में भी उतारा। प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कहने पर ‘उपकार’ बनाई। अमिताभ को जब इंडस्ट्री छोड़नी थी, तब उन्हें मौका दिया। अब ‘भारत कुमार’ हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनकी शख्सियत, उनका किरदार, उनकी फिल्में हमेशा जिंदा रहेंगी।

Suneel Kumarअपडेटेड Apr 04, 2025 पर 1:33 PM
Manoj Kumar Death: ‘पूरब और पश्चिम’ का सितारा अस्त, कहानी हरिकिशन गोस्वामी के 'भारत कुमार' बनने की
मनोज कुमार ने सदी के महानायक अमिताभ बच्चन को तब मौका दिया, जब वो असफलता से हताश बॉलीवुड छोड़ रहे थे।

Manoj Kumar Death: 'जब जीरो दिया मेरे भारत ने', 'मेरे देश की धरती सोना उगले', 'मेरा रंग दे बसंती चोला'... इन गानों की आवाज जब भी कान में पड़ती है, तो पूरे बदन में देशभक्ति की लहर दौड़ जाती है। और आंखों के सामने एक छरहरी काया वाले शख्स की तस्वीर आ जाती है... मनोज कुमार।

भारत में देशभक्ति फिल्मों का ट्रेंड शुरू करने का श्रेय मनोज कुमार को ही है। उनके किरदार अक्सर 'भारत' होता था। वह अपने किरदार में इस कदर रच-बस जाते थे कि दुनिया उन्हें मनोज कुमार से ज्यादा 'भारत कुमार' के नाम से ही जानने लगी।

हरिकिशन कैसे बने मनोज कुमार

यह भी बड़ी दिलचस्प बात है कि मनोज कुमार का असली नाम भी मनोज कुमार नहीं था। वह 24 जुलाई 1937 को ऐबटाबाद (अब पाकिस्तान) में हरिकिशन गोस्वामी के रूप में जन्मे थे।

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