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जिंदा या बेसुध? हवा में मौत की आहट और दिमाग की आखिरी लड़ाई, एयर इंडिया प्लेन क्रैश से पहले कैसी होगी यात्रियों की मनोदशा

एयर इंडिया क्रैश के पीड़ितों के परिवार अभी भी एक भयावह सवाल से परेशान हैं: विमान में सवार उनके प्रियजनों ने उन आखिरी पलों में क्या अनुभव किया होगा? क्या विमान के टकराने के समय वे होश में थे? न्यूरोलॉजिस्ट, मनोवैज्ञानिक और ट्रॉमा एक्सपर्ट से बात कर इन सवालों के जवाब खोजने की कोशिश की गई, जिनसे ये जानने और समझने में मदद मिली कि ऐसी भीषण और घातक घटना के दौरान आखिर इंसानी दिमाग कैसा फील करता है और कैसे काम करता है

Edited By: Shubham Sharmaअपडेटेड Jun 17, 2025 पर 5:45 PM
जिंदा या बेसुध? हवा में मौत की आहट और दिमाग की आखिरी लड़ाई, एयर इंडिया प्लेन क्रैश से पहले कैसी होगी यात्रियों की मनोदशा
Air India Plane Crash: एयर इंडिया प्लेन क्रैश से पहले कैसी होगा यात्रियों की मनोदशा (IMAGE- AI)

कुछ ही सेकंड में, अहमदाबाद से लंदन तक की एक उड़ान भारत की सबसे घातक विमान दुर्घटनाओं में से एक बन गई। 12 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171, बोइंग 787 ड्रीमलाइनर, उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद क्रैश हो गई, जिसमें 241 यात्रियों की मौत हो गई। जांचकर्ता इस बात का पता लगाने में लगे हैं कि आखिर क्या गलती हुई, लेकिन पीड़ितों के परिवार अभी भी एक भयावह सवाल से परेशान हैं: विमान में सवार उनके प्रियजनों ने उन आखिरी पलों में क्या अनुभव किया होगा? क्या विमान के टकराने के समय वे होश में थे?

News18 की रिपोर्ट के अनुसार, न्यूरोलॉजिस्ट, मनोवैज्ञानिक और ट्रॉमा एक्सपर्ट से बात कर इन सवालों के जवाब खोजने की कोशिश की गई, जिनसे ये जानने और समझने में मदद मिली कि ऐसी भीषण और घातक घटना के दौरान आखिर इंसानी दिमाग कैसा फील करता है और कैसे काम करता है।

हवाई हादसे के आखिरी पल में शरीर और दिमाग कैसे करते हैं प्रतिक्रिया?

एयरक्राफ्ट जैसे ही अचानक नीचे गिरने लगता है, हमारे शरीर और दिमाग में प्राचीन ‘सर्वाइवल सिस्टम’ एक्टिव हो जाते हैं। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इस दौर में इंसानी शरीर ज़रदस्त डर के चलते एड्रेनालिन हार्मोन छोड़ता है, जिससे दिल की धड़कन तेज होती है, सांसें उखड़ने लगती हैं और मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं।

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