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अफगानिस्तान के विदेश मंत्री की भारत में प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं बुलाई गईं महिला पत्रकार, उठा विवाद तो भारत सरकार का आया ये जवाब

तालिबान शासन को अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों को प्रतिबंधित करने के लिए विभिन्न देशों के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र जैसी वैश्विक संस्थाओं की ओर से भी कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है। कहा जा रहा है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को न बुलाने का फैसला मुत्तकी के साथ आए तालिबान अधिकारियों की ओर से लिया गया

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Oct 11, 2025 पर 1:18 PM
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री की भारत में प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं बुलाई गईं महिला पत्रकार, उठा विवाद तो भारत सरकार का आया ये जवाब
महिला पत्रकारों के साथ इस रवैये को लेकर कई बड़े पत्रकारों, विपक्षी दलों ने आवाज उठाई।

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी भारत दौरे पर हैं। उन्होंने 10 अक्टूबर को दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बातचीत की और कुछ घंटों बाद अफगान दूतावास में प्रेस कॉन्फ्रेंस। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस ने विवादों और आलोचनाओं को जन्म दे दिया है क्योंकि इसमें केवल कुछ ही पत्रकारों की भागीदारी देखी गई। वहीं महिला पत्रकार तो थीं ही नहीं। ऐसा माना जा रहा है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को न बुलाने का फैसला मुत्तकी के साथ आए तालिबान अधिकारियों की ओर से लिया गया था।

महिला पत्रकारों के साथ इस रवैये को लेकर कई बड़े पत्रकारों, विपक्षी दलों ने आवाज उठाई। भारतीय धरती पर लैंगिक भेदभाव पर हैरानी और निराशा जताई गई। भारत सरकार, खासकर विदेश मंत्रालय को आड़े हाथों लिया गया और जवाब मांगा गया। इस पर मंत्रालय का जवाब आया है कि अफगान विदेश मंत्री द्वारा कल यानि 10 अक्टूबर को दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्रालय की कोई भूमिका नहीं थी।

राहुल-प्रियंका ने पीएम से मांगा जवाब

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल होने की इजाजत नहीं दिए जाने से नारी शक्ति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारों का खोखलापन बेनकाब हुआ है। प्रधानमंत्री ने साबित कर दिया कि वह इतने कमजोर हैं कि महिलाओं के लिए खड़े नहीं हो सकते। राहुल गांधी ने X पर लिखा, " मोदी जी, जब आप महिला पत्रकारों को एक सार्वजनिक मंच से बाहर किए जाने की इजाजत देते हैं, तो आप भारत की हर महिला को बता रहे हैं कि आप इतने कमजोर हैं कि उनके लिए खड़े नहीं हो सकते। हमारे देश में महिलाओं को हर क्षेत्र में समान भागीदारी का अधिकार है। ऐसे भेदभाव के सामने आपकी चुप्पी नारी शक्ति पर आपके नारों के खोखलेपन को उजागर करती है।"

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