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Vantara news : भारत यात्रा के बाद CITES ने वंतारा के उच्चस्तरीय पशु देखभाल मानकों पर जताई खुशी, अपनी रिपोर्ट इन बातों का किया जिक्र

Vantara news : वंतारा पशुओं के लिए कल्याणकारी गतिविधियां चलाती है और एक पब्लिक ज़ू बनाने की योजना पर काम कर रही है। इसका उद्देश्य भविष्य में पशुओं को वनों फिर से छोड़ने और उन्होंने फिर से उनकी प्राकृतिक स्थिति में रहने की सुविधा देना है

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 03, 2025 पर 2:56 PM
Vantara news : भारत यात्रा के बाद CITES ने वंतारा के उच्चस्तरीय पशु देखभाल मानकों पर जताई खुशी, अपनी रिपोर्ट इन बातों का किया जिक्र
Vantara news : CITES की जांच में वैध CITES परमिट के बिना या व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए वंतारा में जानवरों के आयात का कोई सबूत नहीं मिला है। इससे भारतीय निगरानी में वैध और नैतिक आयात प्रक्रियाओं की पुष्टि होती है

Vantara news : लुप्तप्राय प्रजातियों के ट्रेड की निगरानी करने वाली अंतर्राष्ट्रीय संस्था CITES ने उज्बेकिस्तान में 79वीं स्थायी समिति की बैठक से पहले सितंबर में भारत के दौरे के बाद वंतारा में पशु-देखभाल मानकों और भारत के नियामक ढांचे की मजबूती की प्रशंसा की है। CITES ने वंतारा पर जारी अपनी रिपोर्ट में इसके उन्नत बुनियादी ढांचे, पशु चिकित्सा सुविधाओ और वंतारा की दो इकाइयों (ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर और राधा कृष्ण मंदिर हाथी कल्याण ट्रस्ट)में अपनाए जा रहे कंजरवेशन-फर्स्ट नजरिए पर प्रकाश डाला है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वंतारा के दोनों केंद्र "बेहद ऊंचे मानकों के अनुसार" काम करते हैं। यहां बाड़े और पशु चिकित्सा देखभाल जैसी उन्नत सुविधाएं हैं। वंतारा में उच्चस्तरीय पशु चिकित्सा प्रक्रियाओं को अपनाया जाता है। CITES का कहना है कि वंतारा को अपनी पशु चिकित्सा प्रक्रियाओं और और उसके परिणामों को बड़े वैज्ञानिक समुदाय के साथ साझा करना चाहिए। इससे वंतारा कि अंतर्राष्ट्रीय महत्ता का पता चलता है।

2022 में संशोधित किया गया भारत का वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972, CITES की न्यूनतम शर्तों को पूरा करता है और नेशनल लैजिस्लेशन के अंतर्गत कटेगरी 1 में क्लासीफाइड है, जो ग्लोबल कंप्लायंस और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। CITES की रिपोर्ट में उत्कृष्ट संगठन और तकनीकी एवं रसद सहायता" के लिए भारत को धन्यवाद दिया गया है।

ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर और राधा कृष्ण मंदिर हाथी कल्याण ट्रस्ट पशुओं के बचाव और प्रजनन केंद्रों के रूप में काम करते हैं और उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि वे जानवरों या उनके बच्चों को नहीं बेचते और न ही बेचेंगे। CITES की जांच में वैध CITES परमिट के बिना या व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए वंतारा में जानवरों के आयात का कोई सबूत नहीं मिला है। इससे भारतीय निगरानी में वैध और नैतिक आयात प्रक्रियाओं की पुष्टि होती है।

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